
एक सर्वे के अनुसार, बच्चों के खानपान की आदतों से यह तय होता है कि वयस्क होने पर उसके हृदय का स्वास्थ्य कैसा रहेगा।
बचपन की आदतें हमारे जीवन पर असर करती हैं। यह तो हमने सुना है परन्तु यह बात भी सामने आई है कि लगभग तीन साल की अवस्था में बच्चों के खानपान की आदतों से यह तय होता है कि वयस्क होने पर उसके हृदय का स्वास्थ्य कैसा रहेगा। यह तथ्य कनाडा में शोधार्थियों के एक अध्ययन में सामने आया।
समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में शोधार्थियों ने पाया कि लगभग तीन साल की अवस्था से ही बच्चों के हृदय पर अस्वास्थ्यकर भोजन का असर दिखने लगता है। इसका संकेत तीन से पांच वर्ष की अवस्था में बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर से मिल सकता है।
टोरंटो के सैंट माइकेल अस्पताल के शोधार्थियों के मुताबिक इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य रक्षा के उपाय बचपन से ही शुरू किए जाने चाहिए।
शोधार्थियों ने स्कूली शिक्षा शुरू करने से पहले की उम्र के 1,076 बच्चों को अपने अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने उनके खानपान की आदतों तथा नॉन-हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कॉलेस्ट्रॉल के सीरम स्तर के बीच सम्बंधों का पता लगाने की कोशिश की।
डॉक्टर नविंद्र पेरसाद ने कहा, ‘‘हमारे परिणाम से पता चलता है कि खानपान की आदतों और हृदयरोगों का सम्बंध जीवन के शुरुआती वर्षो में दिखने लगता है और इसी पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’’
रिपोर्ट कनाडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक वह पुरानी धारणा मजबूत होती है कि बच्चों का खानपान स्वास्थ्यकर होना चाहिए।
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