इस तरह के सर्वाइकल कैंसर से होती है महिलाओं की सबसे ज्यादा मौत

सर्वाइकल कैंसर को ग्रीवा, गर्भाशय या फिर यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है। 
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इस तरह के सर्वाइकल कैंसर से होती है महिलाओं की सबसे ज्यादा मौत

सर्वाइकल कैंसर को ग्रीवा, गर्भाशय या फिर यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर हृयुमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर उम्रदराज महिलाओं को अधिक होता है, यह 40 साल या इससे ऊपर की महिलाओं में अधिक होता है। ज्यादातर मामलों में इस कैंसर का पता एडवांस स्टेज चलता है। लेकिन पैप स्मीयर टेस्ट कराने से इसके शुरूआती स्‍टेज में इसका निदान हो सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार एचपीवी इंफेक्शन, धूम्रपान, बार-बार होने वाली प्रेग्नेंसी, एक से अधिक पार्टनर और परिवारिक इतिहास इसके प्रमुख रिस्‍क फैक्‍टर हैं।

हाल ही में हुई एक रिसर्च में साफ हुआ है कि एक तिहाई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की जांच के दौरान यौन अंगों को दिखाने से बचती हैं। जो इस बीमारी का वक्त पर इलाज ना होने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में कैंसर से मरने वाली महिलाओं में चौथा सबसे बड़ा कारण गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला सर्वाइकल कैंसर है। 

सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए 'स्मीर परीक्षण' करना पड़ता है जिसमें नियमित रूप से पेणू का परीक्षण कर नमूना एकत्रित कर उसकी जांच की जाती है। 21 से 29 वर्ष की महिलाओं के लिए इस परीक्षण की सिफारिश की जाती है। प्रति तीन वर्ष में कराए जाने वाले इस परीक्षण से कैंसर के मामलों में 75 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में कैंसर के खिलाफ काम करने वाली एक संस्था 'जो सर्वाइकल कैंसर ट्रस्ट' द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक 35 प्रतिशत युवतियां स्मीर परीक्षण के दौरान यौन अंगों को डॉक्टर के सामने दिखाने से बचने के लिए इस परीक्षण से परहेज करती हैं।

संस्था ने कई महिलाओं पर शोध कर यह नतीजा निकाला है। जिसमें साफ हुआ है कि दो-तिहाई महिलाओं में इसके लिए जागरुकता की कमी पाई गई। संस्था के सदस्य रॉबर्ट म्यूजिक ने कहा कि जीवन रक्षक परीक्षण कराने के लिए किसी शर्म का अनुभव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सहज महसूस कराने के लिए पेशेवर नर्से इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

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