कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिसका नाम सुनकर भी लोगों में खौफ बैठ जाता है। वर्तमान समय में भी अगर देखा जाए तो कई लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते तो हैं लेकिन लक्षणों की जानकारी के अभाव में उन्हें इस बारे में पता ही नहीं होता है, और जब पता चलता है तब बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि अब इस तरह के खौफ को खत्म करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में इसका समाधान निकाल लिया है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं ने एक नए प्रकार की सस्ती मॉलिक्यूलर रक्त जांच पद्धति विकसित की है। इस जांच से कैंसर की वृद्धि व फैलाव का शीघ्र ही पता लगाया जा सकेगा। इस परीक्षण में सिर्फ एक ट्यूब में थोड़े से खून की जरूरत होती है। इससे खून में कैंसर कोशिकाओं द्वारा जारी किए जाने वाले डीएनए की मात्रा में छोटे आधार पर हुए आनुवांशिक परिवर्तन की पहचान हो सकेगी।
इस शोध का प्रकाशन 'द जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर डॉयग्नोस्टिक' में किया गया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर हैनली पी. जी. ने कहा कि मरीजों के ट्यूमरों की निगरानी के लिए सिर्फ रक्त परीक्षण की विधि मौजूद है, जो कि सिर्फ कुछ कैंसर के प्रकारों तक सीमित है। करीब सभी कैंसर मरीजों को पूरे शरीर में निगरानी की जरूरत होती है, जो ज्यादा खर्चीली, जटिल व समय लगने वाली प्रक्रिया है।