अगर आप ज्‍यादा सोते हैं या बहुत कम सोते हैं तो ये 'डिप्रेशन' का संकेत है, एक्‍सपर्ट से जानिए बचने के उपाय

कुछ लोग कम सोते हैं या रात को नींद नहीं आती तो वहीं कुछ लोग लंबे वक्‍त तक सोते रहते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं इसकी वजह क्‍या है?
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अगर आप ज्‍यादा सोते हैं या बहुत कम सोते हैं तो ये 'डिप्रेशन' का संकेत है, एक्‍सपर्ट से जानिए बचने के उपाय


नींद, कई बार हमारी सेहत के लिए अच्‍छा होता है तो वहीं कुछ मामलों में यह हानिकारक भी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक वयस्‍क के लिए 7 से 8 घंटे की नींद पर्याप्‍त मानी जाती है। 5 घंटे से कम और 9 घंटे से ज्‍यादा नहीं सोना चाहिए। हालांकि, इसी प्रकार से बच्‍चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भी अच्‍छी नींद के मानक तय किए गए हैं, जिसके बारे में हम आपको आगे के लेख में विस्‍तार से बताएंगे। मगर आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की बहुत कम या अत्‍यधिक नींद किसी बीमारी का संकेत हो सकता है; और वो बीमारी कोई शारीरिक बीमारी नहीं बल्कि एक मानसिक रोग है, जिसे डिप्रेशन या अवसाद के नाम से जाना जाता है। 

डिप्रेशन क्‍या है - Depression Kya Hai

Depression

डिप्रेशन एक मानसिक विकार है। जिसमें व्‍यक्ति किसी के खोने जैसे ब्रेकअप, नौकरी जाने या अपने किसी प्रियजन के बिछड़ने पर पर उदास रहता है। डिप्रेशन में व्‍यक्ति लंबे समय तक उदास रह सकता है। इसके अलावा डिप्रेशन के अलग-अलग और भी कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे- चिड़चिड़ापन, छोटी-छोटी बातों पर गुस्‍सा होना, कम या ज्‍यादा नींद आदि। डिप्रेशन का नींद से गहरा जुड़ाव है। जिसके बारे में हम आगे समझेंगे।

डिप्रेशन (अवसाद) और नींद कैसे जुड़े हुए हैं?

नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के मुताबिक, नींद के पैटर्न और डिप्रेशन (अवसाद) के बीच गहरा संबंध है। जो लोग डिप्रेशन के शिकार तीन चौथाई रोगियों में अनिद्रा (Insomnia) की शिकायत होती है। और लगभग 40 फीसदी वयस्‍कों और 10 प्रतिशत अवसादग्रस्‍त वृद्धों में ज्‍यादा नींद आने के लक्षण दिखाई देते हैं। जिसे Hypersomnia कहते हैं। यह दोनों लक्षण किसी बड़ी समस्‍या का कारण बन सकते हैं। जीवन की गुणवत्‍ता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यहां त‍क कि ये लक्षण आत्‍महत्‍या के लिए एक मजबूत वजह बन सकते हैं।

महामारी विज्ञान के अध्ययनों ने बताया है कि नॉन-डिप्रेस्‍ड विषयों में अनिद्रा डिप्रेशन के बाद के विकास के लिए किसी खतरे की वजह बन सकता है। इसलिए अवसाद में नींद की गड़बड़ी के अधिक सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन रोगियों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके और डिप्रेशन के एक प्रमुख कारक को खत्‍म किया जा सके।

कम सोने के लक्षण 

  • रात में नींद न आना 
  • रात में देर तक जागते रहना 
  • रोजाना के कामों में ध्‍यान न केंद्रित कर पाना 
  • दिनभर नींद आना और थकावट
  • सुबह नींद पूरी किए गए बगैर उठ जाना 
  • आंखों में जलन आदि

sleep

ज्‍यादा सोने के लक्षण

  • लगातार 10 से 12 घंटे तक सोना 
  • दिन में भी नींद आना 
  • सूर्य की रोशनी पड़ने और अलार्म बजने के बाद भी न उठना 
  • आलस्‍य और भूलने केी समस्‍या 
  • उर्जा में कमी

उम्र के हिसाब से कितना सोना चाहिए? 

  • नवजात (0-3 महीने): 14-17 घंटे की नींद
  • शिशु (4-11 महीने): 12-15 घंटे की नींद 
  • छोटे बच्चे (1-2 साल): 11-14 घंटे की नींद
  • स्‍कूल जाने वाले बच्‍चे (3-5 साल): 10-13 घंटे की नींद  
  • बड़े बच्‍चे (6-13 साल): 9-11 घंटे की नींद 
  • किशोरावस्था (14-17 साल): 8-10 घंटे की नींद 
  • वयस्‍क (18-25 साल): 7-9 घंटे की नींद
  • अधेड़ (26-64 साल): नौजवानों की तरह 7-9 घंटे की नींद 
  • बुजुर्ग (65 साल से अधिक): 7-8 घंटे की नींद 

डिप्रेशन से बचने के उपाय 

  • नियमित सुबह जल्‍दी उठकर एक्‍सरसाइज करें
  • योग और प्राणायाम का अभ्‍यास करें
  • सात्‍विक भोजन करें (फल, हरी सब्‍जी, नट्स और डेरी प्रोडक्‍ट्स) 
  • आपको जो काम पसंद हो उसमें मन लगाएं
  • जिस बात को लेकर आप परेशान हैं उसके बारे में फैमिली या फ्रेंड से चर्चा करें
  • मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह लें

नोट: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (GBU)में मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य विभाग के एचओडी डॉक्‍टर आनंद प्रताप सिंह से हुई बातचीत पर आधारित है।

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