कोलाइटिस पेट की एक आम बीमारी है, इसमें बड़ी आंत के अंदर सूजन आ जाती है। इस बीमारी में पीड़ित के पेट में काफी तेज दर्द और ऐंठन होती है। इसके साथ ही दस्त, डायरिया की समस्या, बुखार, वजन घटना और नींद पूरी न होना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है। वैसे तो ये एक सामान्य बीमारी है क्यों ज्यादातर लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं, लेकिन इसको नजरअंदाज करना सही नहीं। कोलाइटिस को नजरअंदाज करने ये एक समय पर गंभीर रूप ले लेती है जो हमारे लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। इसमें पीड़ित की बड़ी आंत की अस्तर की सतह पर मौजूद सेल्स डेड होने लगते हैं, जिससे अल्सर विकसित होता है।
कोलाइटिस की पहचान करना किसी के लिए भी काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण आम पेट दर्द की तरह की दिखते हैं। जिससे लोगों को लगता है कि ये एक आम पेट दर्द है या फिर आम दस्त, जोकि बाद में एक घातक रूप ले लेता है। लेकिन आप इसे सही समय पर पहचान कर इसको रोक सकते हैं। इसकी पहचान करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि इसके लक्षण क्या है। अगर आपको इसके लक्षणों के बारे में सही जानकारी होगी तो आप इसे सही समय पर पहचान कर इसका इलाज करवा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कोलाइटिस का मुख्य कारण क्या है, इसके लक्षण क्या है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
कोलाइटिस के कारण क्या है?
कोलाइटिस वैसे तो बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के अतिक्रमण से होती है। यह एब्टामीवा नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है। इस बीमारी में आपको केवल घर का बना साफ खाना ही खाना चाहिए। इसके साथ ही धुली और अच्छी तरह से पकी हुई सब्जी का ही सेवन करने से इस पर रोक लगाई जा सकती है।
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लक्षण
वैसे तो कोलाइटिस में पीड़ित को आम पेट दर्द और दस्त से इसकी शुरुआत होती है। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनकी मदद से आप कोलाइटिस की पहचान कर सकते हैं।
- दस्त।
- पेट दर्द।
- तेज ऐंठन होना।
- भूख कम लगना।
- मलाशय में दर्द होना।
- मलाशय से खून निकलना।
- बुखार।
- लगातार वजन घटना।
- बच्चों में विकासित होने की कमी।
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कोलाइटिस से बचाव के घरेलू उपाय
कोलाइटिस एक संक्रमणकारी बीमारी है, इससे बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर कोलाइटिस का निदान पहले हो चुका है तो चिकित्सक से सलाह लेकर इसका उपचार कर सकते हैं। इसके साथ ही आप कुछ घरेलू नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आलू का जूस
कोलाइटिस में राहत पाने के लिए आलू को फायदेमंद माना जाता है। आलू में मौजूद एल्कलाइन, अल्सरेटिव कोलाइटिस से लड़ने में बहुत असरदार होते हैं। इसमें स्टार्च और नेचुरल फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो आंतों की स्वस्थ करने का काम करता है। इसके साथ ही ये आपके पेट दर्द में राहत देने के साथ ही आपकी गैस की समस्या को भी दूर करता है।
अलसी के बीज
अलसी के बीजों में नेचुरल मात्रा काफी ज्यादा फाइबर होता है जो आंतों को राहत देने का काम करता है। अलसी के बीजों में मौजूद फऐटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट तत्व सूजन को कम करता है और टॉक्सिन को बाहर निकालता है।
गाजर
गाजर में भी फाइबर काफी मात्रा में होता है साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है। इसके सेवन से कोलाइटिस में होने वाले दर्द और जलन से राहत दिलाता है।Read More Article In Other Diseases In Hindi