
स्पाइनल कॉर्ड यानी रीढ़ की हड्डी में चोट का प्रभाव पूरे शरीर, खासकर हाथ-पांव पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति जीवनभर के लिए विकलांग हो सकता है। इसीलिए इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 5 सितंबर को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे (Spinal Cord Injury Day) के रूप में मनाया जाता है। स्पाइनल कॉर्ड नसों का एक ऐसा समूह होता है, जो दिमाग के संदेश को शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाता है।
चोट के बाद कई बार आपके दैनिक कार्यों में आपको समस्या आ सकती है। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। साल 2018 के स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे का थीम 'स्टॉप स्पाइनल कॉर्ड इंजरी' है। इसका उद्देश्य लोगों में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से संबंधित जानकारी फैलाना है ताकि इस इंजरी को रोका जा सके। आइए आपको बताते हैं कि क्या है स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के प्रमुख कारण और कैसे कर सकते हैं इनसे बचाव।
कितना महत्वपूर्ण है हमारा स्पाइनल कॉर्ड
रीढ़ की हड्डी का ठीक रहना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उससे हमारा चलना फिरना उठना बैठना सब कुछ जुड़ा हुआ होता है। इसी कारण, रीढ़ पर लगी चोट आपके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। रीढ़ की हड्डी की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है वो हर रोज आपके शरीर और दिमाग के बीच लाखों संदेशों का आदान-प्रदान करने का माध्यम बनती है। एक अनुमान के मुताबित हर साल लोगों को होने वाली रीढ़ की हड्डी की चोट में से 35% गाड़ियों के एक्सीडेंट्स से लगती है। वहीं, 65 साल की उम्र के बाद गिरने से भी रीढ़ की हड्डी की चोट सबसे ज्यादा लगती है।
इसे भी पढ़ें:- जानें कैसे होता है चेस्ट एक्स-रे और कब पड़ती है इसकी जरूरत
स्पाइनल कॉर्ड में चोट का प्रमुख कारण
रीढ़ की हड्डी में लगने वाली चोट के मामलों में 82% पुरूष होते हैं। एक्सपर्ट अभी तक ये मालूम नहीं लगा पाए हैं कि ऐसा क्यों होता है कि पुरूषों को रीढ़ की चोट लगने का जोखिम महिलाओं से अधिक होता है। रीढ़ की हड्डी में चोट के निम्न कारण प्रमुख हैं-
- रोड एक्सीडेंट
- गिरने के कारण चोट लगना
- खेल-कूद के दौरान चोट लगना
- लड़ाई-झगड़े या मार-पीट में रीढ़ की हड्डी पर चोट लगना
- अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, टीबी और अन्य इंफेक्शन्स के कारण
बहुत लचीली होती है रीढ़ की हड्डी
मानव कंकाल द्वितरफा एक जैसा है और बीच में रीढ़ की हड्डियां है। रीढ़ की हड्डियां छोटे छोटे हिस्सों में विभाजित होने के कारण लचीली होती है। इसकी वजह से इंसान झुक पाते हैं। हमारी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को हम इस तरह से भी समझ सकते हैं कि ये दो तिहाई गोला बना सकती है। बच्चों की रीढ़ की हड्डी में 33 जोड़ होते हैं। जैसे-जैसे इंसान उम्र में बढ़े होते हैं तो उनके रीढ़ की हड्डी के जोड़ मिलकर एक होने लगते हैं। हमारा सैक्रम बनाने वाले पांच जोड़ बाद में जाकर एक हड्डी बन जाते हैं और मूलाधार जोड़ जो तीन से पांच हड्डियों से मिलकर बनता है वो भी बाद में जुड़ जाती हैं।
इसे भी पढ़ें:- जल्दी-जल्दी पेशाब आना इन बीमारियों का हो सकता है संकेत
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से बचाव
- कार ड्राइव करते समय हमेशा सीट बेल्ट का प्रयोग करें।
- दो पहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें।
- शराब पीकर या नशे की स्थिति में गाड़ी न चलाएं।
- गाड़ी की स्पीड पर नियंत्रण रखें।
- घरों को भूकंप रोधी बनाएं।
- गंदे और कम पानी वाली जगह पर स्विमिंग न करें।
- मार-पीट और लड़ाई-झगड़े से दूर रहें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Other Diseases In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version