एक्स-रे शरीर के अंदरूनी अंगों की जांच की एक पुरानी और सस्ती तकनीक है। इसमें शरीर के जिस अंग की जांच करनी होती है उस पर एक्स-किरणें छोड़ी जाती हैं, जिससे अंदर के अंग की तस्वीर एक स्क्रीन पर दिखाई देती है। इस तस्वीर को एक खास फिल्म पर उतार लिया जाता है। डॉक्टर इसी फिल्म में देखकर अंग की समस्या या रोग का पता लगाते हैं। चेस्ट यानी सीने के एक्स-रे की सलाह आमतौर पर डॉक्टर तब देते हैं जब मरीज के फेफड़ों, सीने या हृदय में किसी तरह की समस्या होती है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे किया जाता है सीने का एक्स-रे और कब पड़ती है इसकी जरूरत।
क्या है एक्स-रे
एक्स-रे एक आसान और सस्ता इमेजिंग टेस्ट है, जो दशकों से चल रहा है। इस टेस्ट के दौरान जिस अंग की जांच करनी होती है उसपर एक्स-किरणें छोड़ी जाती हैं, जिससे अंग की अंदरूनी तस्वीर दिखाई देती है। अंगों के अंदरूनी हिस्से की जांच के लिए आजकल ज्यादा एडवांस तकनीकें भी आ गई हैं, जिनमें ज्यादा बारीकी से अंगों का अध्ययन किया जा सकता है। मगर फिर भी एक्स-रे अभी भी प्रयोग में है क्योंकि अन्य जांचों की अपेक्षा ये एक सस्ती तकनीक है और हड्डी या मांसपेशियों की स्थिति जानने के लिए ये एक बेहतर तकनीक है। इस जांच के द्वारा आमतौर पर हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियों का ही पता लगाया जाता है।
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कब दी जाती है सीने के एक्स-रे जांच की सलाह
आमतौर पर सीने की एक्स-रे जांच की सलाह निम्न परिस्थितियों में दी जाती है।
- सांस लेने में कठिनाई होने पर
- छाती में दर्द की समस्या में
- लगातार बुखार या खांसी आने पर
- निमोनिया और वातस्फीति जैसे रोगों में
- दिल की कई समस्याओं में भी एक्स-रे
- फेफड़ों के रोगों का पता लगाने के लिए चेस्ट एक्स-रे
- हार्ट, लंग्स, वायुमार्ग और रीढ़ व सीने की हड्डियों में आने वाली अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए
कितनी सुरक्षित है एक्स-रे जांच
अगर ठीक तरीके से और अनुभवी व्यक्ति द्वारा की जाए, तो एक्स-रे जांच पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि गर्भावस्था में एक्स-रे करवाना कई बार खतरनाक हो सकता है इसलिए आमतौर पर डॉक्टर बिना सही जांच के इसकी इजाजत नहीं देते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान या गर्भ होने की संभावना होने पर भी आपको खुद से एक्स-रे नहीं करवाना चाहिए बल्कि इसके लिए किसी योग्य चिकित्सक से एक बार सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
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एक्स-रे से पहले क्या तैयारी करें
एक्स-रे एक साधारण जांच है इसलिए इस जांच से पहले अमूमन किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है। हालांकि एक्स-रे जांच के लिए जाते समय आपको कोई भी धातु का सामान जैसे- अंगूठी, हार, बेल्ट, गहने आदि को पहनकर नहीं जाना चाहिए और कपड़े ढीले-ढाले पहनने चाहिए। आमतौर पर जब गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की एक्स-रे जांच की जाती है, तब मरीज को जांच से 5-6 घंटे पहले से किसी चीज को न खाने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर एक्स-रे जांच की पूरी प्रक्रिया में 15-20 मिनट लगता है।
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