हर महिला को माहवारी (पीरियड) से गुजरना होता है लेकिन हमारे परिवेश में महिलाएं सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा करने से हिचकती हैं। यही कारण है कि पीरियड्स को लेकर महिलाओं में बहुत सारी भ्रांतियां रहती हैं और कई बार इनके कारण उनको बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। पीरियड के बीच में स्पॉटिंग भी महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी एक ऐसी ही समस्या है। इसलिये महिलाओं को पीरियड के बीच में स्पॉटिंग से जुड़ी पूरी जानकारी होनी चाहिये। तो चलिये जानें कि पीरियड के बीच में स्पॉटिंग होने का क्या है मतलब है और इसके पीछे क्या कारण होते हैं।
पीरियड का सही समय
माहवारी का चक्र अलग-अलग में भिन्न होता है। इसका चक्र 20 दिन से लेकर 35 दिन के बीच हो सकता है। माहवारी आने में थोड़ी देरी हो तो इसका मतलब हमेशा यह नहीं होता कि आप गर्भवती हैं। यदि पीरियड तय समय से थोड़ा देरी से आए तो हमेशा इसे लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर पिरियड्स के बीच में स्पॉटिंग हो तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिये।
पीरियड के बीच में स्पॉटिंग के कारण
हार्मोनल बर्थ कंट्रोल (Hormonal birth control)
अगर आप गर्भधारण की रोकथआम के लिये किसी बर्थकंट्रोल दवा का सेवन कर रही हैं या हाल में ही आपने कोई नए ब्राड की गर्भनिरोधक दवा खानी शुरू की है तो भी स्पॉटिंग हो सकती है। गर्भनिरोधक दवाओं से लेकर योनि गर्भनिरोधक छल्ले (vaginal contraceptive rings) तक स्पॉटिंग के कारण बन सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि ये सभी अपने शरीर के हार्मोन के स्तर को समायोजित कर देते हैं, और अप्रत्याशित रक्तस्राव का नेत्रत्व करते हैं।
थायराइड समस्याएं
थायराइड आपके चयापचय को विनियमित करने वाले महत्वपूर्ण हार्मोन पैदा करता है। थायराइड के अनियमित हो जाने पर ऊर्जा की कमी, भूख में वृद्धि या भूख की कमी, ऐंठन, जोड़ों का दर्द, बाल झड़ना और नाखून टूटना, अचानक वजन बढ़ना या घटाना और जठरांत्र संबंधी समस्याएं जैसे दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं। तो यदि इन लक्षणों के साथ पीरियड के बीच में स्पॉटिंग होती है तो संभवतः यह थायराइड समस्या के कारण है।
उपरोक्त समस्याओं के अलावा तनाव के कारण भी ऐसा हो सकता है। इसके अलावा यौन संचारित रोगों जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया (सूजाक) आदि के होने पर भी पीरियड के बीच में स्पॉटिंग एक लक्षण के रूप में हो सकता है। यही नहीं पांच में से एक महिला को गर्भाशय फाइब्रॉएड होता है। गर्भाशय फाइब्रॉएड, कैंसरमुक्त ट्यूमर के गर्भाशय में विकसित होने पर होता है। इसके लक्षणों के तौर पर भारी माहवारी रक्तस्राव, ऐंठन, संभोग के दौरान दर्द, पेशाब ज्यादा जाना और पीरियड के बीच में खून बहना आदि हो सकते हैं।
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