उम्र बढ़ने के साथ आंखें कमजोर हो जाती हैं और हमारे साफ-साफ देखने की क्षमता कम होने लगती है। इसे ही नजर की कमजोरी कहते हैं। इसके अलावा कई बार मोतियाबिंद के कारण भी व्यक्ति के देखने की क्षमता प्रभावित होती है। मोतियाबिंद आंखों की एक खास बीमारी है, जिसमें आंखों के रेटीना फ्री-रेडिकल्स के कारण डैमेज हो जाते हैं। इसके कारण पुतलियां सफेद पड़ने लगती हैं। आमतौर पर नजर की कमजोरी और मोतियाबिंद का कारण खराब डाइट और कुछ गलतियां होती हैं, जिन्हें आप अंजाने में करते रहते हैं।
क्यों होता है मोतियाबिंद?
आजकल के खानपान में जंक फूड्स, फ्राईड फूड्स, प्रॉसेस्ड फूड्स आदि का चलन बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण व्यक्ति को सभी जरूरी एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स नहीं मिल पाते हैं। इसलिए आजकल कम उम्र में भी नजर की कमजोरी और मोतियाबिंद के मामले देखने को मिलने लगे हैं। ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण या फ्री रेडिकल्स के कारण जब आंखों को नुकसान पहुंचता है, तो इसे ही मोतियाबिंद कहा जाता है। दरअसल हमारी आंखों का लेंस प्रोटीन से बना होता है।
जब ऑक्सिडेशन के कारण इस लेंस का प्रोटीन डैमेज होता है, तो आंखों के देखने की क्षमता प्रभावित होती है। इस प्रॉसेस को ग्लाइकेशन (glycation) कहते हैं। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं, जैसे- कच्चे अंडे का सफेद हिस्सा तो पारदर्शी होता है। मगर जैसे ही इसे थोड़ा गर्म करते हैं, इसका पारदर्शी रंग सफेद होने लगता है। यही प्रक्रिया मोतियाबिंद होने पर आंखों के साथ होती है।
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आंखों के लिए अरंडी का तेल
अरंडी के तेल को नजर की कमजोरी दूर करने और मोतियाबिंद से छुटकारा पाने के लिए सबसे आसान प्राकृतिक उपाय या घरेलू नुस्खा माना जाता है। हालांकि इन समस्याओं में आपको एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि आप समस्या की जड़ तक पहुंच सकें और उनसे बातचीत करके आप कैस्टर ऑयल (अरंडी के तेल) का इस्तेमाल आंखों में कर सकते हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि आंखें बहुत सेंसिटिव होती हैं, इसलिए बाजार में मौजूद केमिकल वाले तेलों से बचें, बल्कि ऑर्गेन, कोल्ड प्रेस्ड तेल ही इस्तेमाल करें।
कैसे करें इस्तेमाल
इसके इस्तेमाल के लिए रात में सोने से पहले प्रभावित आंख में एक बूंद कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) डालें। और फिर सुबह आंखों को ठंडे पानी से धो लें। ये प्रक्रिया आपको रोज रात में करनी है। ध्यान रखें अगर आपको 3 दिन के अंदर कोई परिणाम नजर नहीं आता है, तो आप इसे इस्तेमाल करना बंद कर दें। हां अगर आपको इस उपाय से अपने आंखों की रोशनी में थोड़ा बदलाव दिख रहा है, तो आप इसे 4-6 हफ्तों तक प्रयोग कर सकते हैं।
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इन बातों का ध्यान रखें
- अगर आपकी आंखों का पहले से इलाज चल रहा है, तो डॉक्टर से बिना पूछे इस तेल का इस्तेमाल न करें।
- आंखों में तेल डालने के लिए ड्रॉपर का इस्तेमाल करें।
- एक दिन में एक बार ही तेल डालें और सिर्फ 1 बूंद डालें।
- चूंकि अरंडी के तेल को आंखों में डालने के बाद आपको कुछ समय के लिए धुंधला दिखाई दे सकता है, इसलिए रात में ही इसके प्रयोग की सलाह दी जाती है।