बचपन में कैंसर से बचे बच्चों में हॉर्मोन संबंधी रोगों का खतरा

बचपन में कैंसर से बचे लोगों में रेडिएशन उपचार के काफी हद तक संपर्क में आने से उनमें हार्मोन विकार के विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है, जिस वजह से थॉयराइड संबंधी बीमारी, टेस्टीकुलर डिस्फंक्शन व मधुमेह जैसे बीमारियां हो सकती हैं।
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बचपन में कैंसर से बचे बच्चों में हॉर्मोन संबंधी रोगों का खतरा

बचपन में कैंसर से बचे लोगों में रेडिएशन उपचार के काफी हद तक संपर्क में आने से उनमें हार्मोन विकार के विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है, जिस वजह से थॉयराइड संबंधी बीमारी, टेस्टीकुलर डिस्फंक्शन व मधुमेह जैसे बीमारियां हो सकती हैं। इसके जोखिमों के बारे में स्वास्थ प्रदाताओं को चेताते हुए इडोक्राइन सोसाइटी ने इस सप्ताह एक 'क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन' जारी किया है। इसे 'जर्नल ऑफ क्लीनिकल इंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म (जेसीईएम)' में प्रकाशित किया गया है।

न्यूयॉर्क में मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के चार्ल्स स्कलर ने कहा, बचपन में कैंसर से बचने वालों में अंत:स्रावी विकार (इंडोक्राइन डिऑर्डर) के विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है। गाइडलाइन बनाने वाली समिति की अध्यक्षता चार्ल्स स्कलर ने की। इंडोक्राइन प्रणाली में आठ प्रमुख ग्रंथियां (ग्लैंड्स) हैं, जो हार्मोन का स्राव करती हैं। ये हार्मोन शरीर के बहुत से कार्यो को नियंत्रित करते हैं, जिसमें रक्त शर्करा का नियमन भी शामिल है। बचपन में कैंसर होना दुर्लभ है और मरीज की देखभाल व इलाज में सुधार होने के कारण वर्तमान में पांच साल जीवित रहने की दर 80 फीसदी हो गई है। हालांकि, कैंसर से बचे इन लोगों को इलाज खत्म होने के दशकों बाद तक वयस्क होने पर नींद की समस्या व दिन में नींद का सामना करना पड़ता है।

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पुरुषों में कैंसर के 15 लक्षण

  • जिन लोगों को कैंसर होता है उनका वजन असामान्य रूप से कम होने लगता है। अगर बिना किसी प्रयास के शरीर का वजन 10 पौंड से ज्यादा कम हो जाये तो इसे कैंसर का प्राथमिक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है। 
  • बुखार कैंसर का एक सामान्य लक्षण होता है। कैंसर मरीज की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए मरीज को अक्सर बुखार रहने लगता है। ब्लड कैंसर, ल्यूकीमिया इत्यादि में अक्सर बुखार के लक्षण नजर आते हैं। 
  • थकान कैंसर का एक प्रमुख लक्षण माना जाता है। इसमें मरीज बिना वजह थका थका महसूस करता है। कभी-कभी तो वह हाथ पांव से काम करने लायक भी नहीं रहता। 
  • हड्डियों के कैंसर या टेस्‍टीकुलर कैंसर में पीड़ा यानि दर्द होना कैंसर होने का संकेत है। ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को सर दर्द की शिकायत रहने लगती है। ऐसा सर दर्द जो प्राथमिक उपचार से या दवा से भी न ठीक हो, उसे ब्रेन ट्यूमर का लक्षण माना जा सकता है। 
  • त्वचा में असामान्य परिवर्तन कैंसर के संकेत हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की त्वचा बेवजह सांवली या काली पड़ने लगी हो तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। त्वचा का पीला पड़ना भी कैंसर होने का संकेत देता है।

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