जानिए 'वर्क फ्रॉम होम' के तनाव से क्‍यों बढ़ रहा है 'बर्नआउट सिंड्रोम' का खतरा, ये 7 लक्षण हैं इसके संकेत

Burnout Syndrome:  बर्नआउट सिंड्रोम एक मानसिक बीमारी है जो किसी को भी अपने चपेट में ले सकती है। जानिए इसके लक्षण व उपाय।
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जानिए 'वर्क फ्रॉम होम' के तनाव से क्‍यों बढ़ रहा है 'बर्नआउट सिंड्रोम' का खतरा, ये 7 लक्षण हैं इसके संकेत

जब से भारत समेत पूरे दुनिया में कोरोना ने अपना कहर बरपाया है, तब से लोगों के शरीर के अंदर तमाम तरह की बीमारियां घर कर रही हैं। कोरोना के आने के बाद से कई छोटे-बड़े दफ्तरों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम (Work from Home) करने को कहा है। वर्क फ्रॉम होम में दफ्तर के कामों की डेडलाइन का प्रेशर और घर के कामों को एक साथ लेकर चलनें में लोगों को काफी तनाव का सामना करना पड़ रहा है। इस तनाव से कई मानसिक बीमारियों हो सकती हैं, जिनमें से एक है बर्नआउट सिंड्रोम (Burnout Syndrome)। 

ये बीमारी कई लोगों के समझ से परे है। दरअसल, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने बर्नआउट सिंड्रोम को एक नई बीमारी माना है तथा इसे मेडिकल कंडीशन बताते हुए अपनी लिस्ट में शामिल किया है। डब्लयूएचओ ने इस बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें लोग काम की वजह से थका हुआ महसूस करते है। यह एक ऐसी बीमारी है जो ऑफिस व घर के कामों की स्ट्रेस के वजह से होती है।

Burnout-Syndrome

क्या है डब्ल्यूएचओ की बीमारियों की लिस्ट? 

WHO ने 2018 में अपनी इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीजेज (ICD) की लिस्ट तैयार की थी। जिसमें दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स नई-नई बीमारियों का पता करने की कोशिश करते रहते हैं। हाल हीं में इस बात का पता लगाया गया है कि बर्नआउट सिंड्रोम लंबे समय तक काम के कारण होने वाला स्ट्रेस है, जिसको मैनेज किया जा सकता है।

बर्नआउट सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Burnout Syndrome)

  • काम को लेकर हमेशा परेशान रहना व काम का तनाव घर तक ले आना।
  • चिढ़चिढ़ा स्वभाव होना
  • कार्यक्षमता में कमी आना जिसकी वजह से काम पर सही से ध्यान न लगा पाना।
  • ब्लड प्रेशर अचानक कम या ज्यादा होना
  • बहुत ज्यादा खाना या बिल्कुल भूख नहीं लगना
  • तनाव की वजह से ड्रग्स या अलकोहल का सेवन करने की इच्छा होना।
  • किसी भी काम में बार-बार नकारात्मकता का महसूस होना।

इसके अतिरिक्त इस बीमारी से पीड़ित लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों से बात तक नहीं करना चाहते हैं उन्हें बस अकेला रहने की इच्छा होती हैं। 

बर्नआउट सिंड्रोम से बचने के उपाय ( Cure for Burnout Syndrome)

शारीरिक स्वास्थ्य का रखें ध्यान:

सबसे पहले तो ध्यान रहे कि इस दौरान आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में आपको खान-पान का ध्यान देना, नियमित व्यायाम करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो आप 7-8 घंटे की गहरी नींद लें, जिससे स्ट्रेस कम रहें।

मनचाही चीजें करें:

दिन में कुछ घंटे अपनी मनचाही चीजें करें, चाहें वो डांस हो, सिंगिग हो या कुछ और। ऐसा करने से आप अपने काम पर अच्छी तरह से फोकस कर पाएंगे और काम करते समय आने वाली परेंशानियों का उपाय भी जल्दी ढूंढ लेगें।

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सोशल होकर रहे:

जब भी वक्त मिले कोशिश करें कि बर्नआउट से छुटकारा पाने के लिए दोस्तों व रिश्तेदारों आदि से मिलें। इससे आपको इमोशनली अच्छा लगेगा और आप इस सिंड्रोम से भी बाहर आएंगे।

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काम को लेकर करें प्लानिंग:

अक्सर ऐसा होता है कि काम में दिल ना लगने से आपको थकान महसूस हो सकती है और इससे अनप्रोडक्टिविटी भी बढ़ सकती है। इसलिए आप सोचें कि आपको अपने काम में क्या बदलाव चाहिए, और उसकी तरफ क्या कदम उठाने सही होंगे।

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