ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक खास बीमारी है, जो आजकल लोगों को बड़ी संख्या में अपना शिकार बना रही है। ऑस्टियोपोरोसिस में शरीर की हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि भुरभुरी हो जाती हैं जिसके कारण हड्डियों में लगातार दर्द होता है और छोटी-मोटी चोट से हड्डियों के टूटने का खतरा बना रहता है। ये बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है। ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते हैं इसलिए कई बार समय रहते इसका पता नहीं चल पाता है। ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाने के लिए ये 3 तरह की जांच करवाई जा सकती हैं।
डेक्सा स्कैन
ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए बीएमडी टेस्ट अर्थात बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट भी कराया जाता है। इस जांच से पता चलता है कि आपकी हड्डी कितनी ठोस है। इस जांच के लिए इस जांच के तहत कमर की हड्डी, कूल्हे, एड़ी, कलाई या हाथ की उंगलियों की विशेष एक्स-रे द्वारा जांच होती है। इस जांच में 2 एक्स-रे ट्यूब के बीच अंगों को रखकर इसकी जांच की जाती है इसलिए इसे Dual Xray Absorptiometry या DXA या डेक्सा स्कैन भी कहते हैं। इस जांच से प्राप्त परिणाम को टी स्कोर कहते हैं। अगर इस जांच में आपकी हड्डियों का टी-स्कोर 2.5 से ऊपर है, तो आप सुरक्षित हैं।
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कीमत और तैयारी
डेक्सा स्कैन कराने के लिए आपको शरीर के एक या एक से ज्यादा जगहों की जांच करानी पड़ती है। आमतौर पर 2-3 साइट की जांच के लिए 1200 से 3000 तक का खर्च आता है। इस जांच से पहले आपके शरीर से धातु की सभी वस्तुएं जैसे अंगूठी, कड़ा, माला, बेल्ट आदि को निकालने को कहा जाता है और एक मशीन के बीच में लिटाया जाता है। टेस्ट में आमतौर पर 10-15 मिनट लगता है।
क्वांटिटेटिव कंप्यूटेड टोमोग्राफी
कैल्केनियल क्वांटिटेटिव अल्ट्रासाउंड के द्वारा भी ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाया जा सकता है। ये एक तरह का स्क्रीनिंग टेस्ट है। इस टेस्ट में हड्डियों की सघनता की 3D जांच की जाती है। हालांकि ये जांच डेक्सा टेस्ट से मंहगी होती है और इस टेस्ट में मरीज को ज्यादा रेडिएशन का सामना भी करना पड़ता है। मगर ऑस्टियोपोरोसिस की गंभीर स्थिति में इस टेस्ट की मदद ली जाती है ताकि हड्डियां कितनी खराब हो चुकी हैं, इसका अंदाजा लगाया जा सके।
विटामिन डी टेस्ट
विटामिन डी टेस्ट को ही '25-हाइड्रॉक्सी' विटामिन डी टेस्ट कहते हैं। इस टेस्ट के द्वारा शरीर में विटामिन डी के स्तर का पता लगाया जाता है क्योंकि हड्डियों की मजबूती और कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी जरूरी होता है। हड्डियों में दर्द या विकृति की शिकायत होने पर अक्सर डॉक्टर ये टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
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कीमत और तैयारी
लैब द्वारा टेस्ट करने की तकनीक के आधार पर इस टेस्ट से पहले कुछ निर्देश दिए जा सकते हैं। कई बार आपको टेस्ट से 8-10 घंटे पहले कुछ न खाने की सलाह दी जाती है और कई बार इसकी जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए जिस भी लैब में ये टेस्ट करवाएं, इसके बारे में पूछ लें। इस टेस्ट के लिए आपके शरीर से थोड़ा सा खून निकाला जाता है जिसमें विटामिन डी की मात्रा की जांच की जाती है। आमतौर पर इस टेस्ट की कीमत 500 से 1000 तक हो सकती है।
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