पेट का कैंसर बहुत ही खतरनाक रोगों में से एक है। बॉलीवुड अभिनेता कमाल राशिद खान हाल ही में इसी रोग के शिकार हुए हैं। अभिनेता ने ट्वीट कर अपने स्वास्थ्य से जुड़ी खास जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके पास जीने के लिए अब सिर्फ 2 वर्ष है। कमाल राशिद ने कहा कि उन्हें पेट का कैंसर है और वह इस वक्त कैंसर की थर्ड स्टेज पर हैं। सिर्फ कमाल राशिद ही नहीं देशभर में पेट के कैंसर के लाखों मरीज हैं। सर्वे बताते हैं कि हर साल कैंसर के कारण कई लोगों की मौत होती है। इसके लक्षणों की नामझी के चलते ही यह रोग इतनी तेजी से फैल रहा है। अगर समय रहते इस बीमारी के लक्षण को पहचानकर इलाज करवा लिया जाए तो व्यक्ति की जान बच सकती है। आज हम आपको इस रोग से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी दे रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है ये रोग और क्या हैं इसके लक्षण और उपाय-
क्या है पेट का कैंसर
पेट के अन्दर होने वाली असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को पेट का कैंसर कहते है। इस बीमारी के कोई भी लक्षण बाद की अवस्थाओं तक पहुंचने से पहले सामने नही आते हैं और आमतौर पर अब तक पेट के कैंसर के निदान हेतु किए जाने वाले पूर्वानुमान निराशाजनक हैं। पेट के कैंसर को बड़ी आंत का कैसर भी कहते हैं और यह पाचन तंत्र के निचले हिस्से में होता है। यह वह जगह है जहां भोजन से शरीर के लिए ऊर्जा पैदा की जाती है। साथ ही यह शरीर के ठोस अवशिष्ट पदार्थों को भी पचाता है। पेट का कैंसर भीतरी परत से शुरू होकर धीरे-धीरे बाहरी परतों पर फैलता है। इसीलिए यह बताना मुश्किल होता है कि कैंसर कितने भीतर तक फैला हुआ है।
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पेट के कैंसर के कारण
- धूम्रपान
- मसालेदार भोजन।
- शराब या तम्बाकू का इस्तेमाल।
- पेट के पुराने विकारों जैसे गैस्ट्राइटिस वाला इतिहास।
- पेट की शल्य चिकित्सा।
- पेट के कैंसर से प्रभावित रिश्तेदारों के साथ रहना।
रोग के लक्षण
- लगातार वजन कम होना
- उल्टी आना या उल्टी होने का मन होना
- शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना
- भूख कम लगना
- पेट में कब्ज और गैस बनना
- पेट के ऊपरी हिस्से में बेचैनी होना
- हर वक्त पेट में दर्द रहना

क्या है इसका उपाय
- पेट का कैंसर बड़ी आंत का कैसर है जो पाचन तंत्र के निचले हिस्से में होता है।
- यह वह जगह है जहां भोजन से शरीर के लिए ऊर्जा पैदा की जाती है। साथ ही यह शरीर के ठोस अवशिष्ट पदार्थों को भी पचाता है।
- पेट का कैंसर भीतरी परत से शुरू होकर धीरे-धीरे बाहरी परतों पर फैलता है। इसीलिए यह बताना मुश्किल होता है कि कैंसर कितने भीतर तक फैला हुआ है।
- पेट के कैंसर के निदान में अगर जोखिम कारकों और लक्षणों से पेट के कैंसर की सम्भावना होती है तो डॉक्टर एक फेकल ऑकल्टक ब्लड टेस्ट कर सकते हैं जिससे स्टूल में ब्लड की छोटी से छोटी मात्रा का भी पता लग जाता है।
- कई बार पेट में कैंसर होते हुए भी हमेशा स्टूल में ब्लड दिखाई नहीं देता। ऐसी दशा में आमतौर पर किया जाने वाला अगला परीक्षण अपर इन्डोकस्कोपी या अपर गैस्ट्रा इंटेस्टिननल (जीआई) रेडियोग्राफ होगा।
- अपर जीआई रेडियोग्राफ के दौरान रोगी को बेरियम वाला एक घोल दिया जाता है जिससे उसके पेट में एक परत बन जाती है और उसके बाद रेडियोलॉजिस्ट पेट का एक्सरे लेता है।
- इन्डोस्कोपी के दौरान रोगी को स्थिर रखा जाता है और एक ऑप्टिक ट्यूब को गले के रास्ते से पेट तक पहुंचाया जाता है। डॉक्टर इस उपकरण का इस्तेमाल पेट के आंतरिक हिस्सों की जांच करने के लिए करते है।
- यदि किसी भी टेस्ट से कैंसर का पता चलता है तो डॉक्टर एक बायोप्सी करेंगे जिसमें प्रयोगशाला में जांच के लिए पेट के एक छोटे से टिश्यू को बाहर निकाला जाता है। अक्सर यह इन्डोस्कोपी के दौरान किया जा सकता है। पेट के कैंसर की पुष्टि हेतु बॉयोप्सी जरूरी है।
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