काली मिर्च जिसे अंग्रेजी में ब्लैक पैपर्स कहते हैं एक ऐसी चीज है तो अपने आप में किसी दवा से कम नहीं है। काली मिर्च खाने और चाय का स्वाद बढ़ाने के साथ ही कई बीमारियों का भी नाश करती है। इस छोटी सी चीज में इतने सारे एंटी-बैक्टीरियल और एंटी आक्सीडेंट होते हैं जो हमारे शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाते हैं। इसके नियमित सेवन से हार्ट अटैक, कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का भी खात्मा होता है। जिन लोगों को मांसपेशियों के दर्द, सिर में दर्द और शरीर में टूटन होती है उन्हें रोजाना कम से कम 2 काली मिर्च का सेवन करना चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि काली मिर्च के सेवन से गठिया जैसा रोग भी कम होता है। आज हम आपको काली मिर्च के लाभ के बारे में बता रहे हैं।
गठिया या जोड़ों के दर्द के लिए काली मिर्च
काली मिर्च के मसाले में कई ऐसे गुण होते हैं जो गठिया को जड़ से खत्म करते हैं। क्योंकि काली मिर्च बहुत गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इसका सेवन करने से गठिया रोग कम होता है। काली मिर्च में आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन ए और सी, और अन्य पोषक तत्व मौजूद है। गठिया रोगी रोजाना काली मिर्च को चाय में डालकर भी सेवन कर सकते हैं और सलाद व सब्जी में डालकर भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे ज्यादा फायदे के लालच में इसे ज्यादा न लें। क्योंकि अति किसी चीज की अच्छी नहीं होती है।
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काली मिर्च के लाभ
- अगर आप मांसपेशियों में होने वाले दर्द से राहत पाना चाहते हैं, तो काली मिर्च के तेल और रोजमेरी के तेल को मिलाकर सूदिंग मिश्रण बना लें। फिर इस सुगंधित और वार्मिंग ऑयल को मांसपेशियों को ढीला और पीड़ा से राहत पाने के लिए दर्द वाली मांसपेशियों पर लगा लें।
- अपच, दस्त, कब्ज और अम्लता करने के लिए काली मिर्च का सेवन कीजिए, यह पाचन शक्ति भी बढ़ाती है। काली मिर्च, टेस्ट बड्स से पेट को संकेत भेजता है और हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है। इस एसिड से पेट की पाचन क्रिया सही होती है। यह एसिड सभी भोजन सामग्री को पचाने में सहायक है। इसके सेवन से पेट फूलना, अपच, दस्त, कब्ज और अम्लता आदि भी आसानी से दूर हो जाते हैं।
- काली मिर्च कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से शरीर की सुरक्षा करता है। यूनीवर्सिटी ऑफ मिशिगन कैंसर सेंटर द्वारा किये गये एक शोध से पता चला है कि ब्रेस्ट कैंसर को होने से रोकने में ब्लैक पेपर काफी सहायक होता है। काली मिर्च के नियमित सेवन से स्तन कैंसर की गांठ नहीं बनती है। काली मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लैवोनॉयड्स, कारोटेन्स और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। यह कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
- सिगरेट पीने वाले लोग जब काली मिर्च के तेल की सुगंध को अंदर लेते हैं, तो वह सिगरेट के प्रति कम लालसा का अनुभव करते हैं। इसके अलावा अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों ने यह भी बताया कि ऐसा करने पर उन्होंने गले में मामूली बर्निंग सनसेशन का भी अनुभव किया, जो वह सिगरेट पीने के दौरान महसूस करते हैं। सिगरेट की लत छोड़ने की कोशिश कर लोगों को सिगरेट पीने की लालसा होने पर काली मिर्च के तेल की बूंद को कॉटन पर लगाकर सूंघना चाहिए।
- नियमित काली मिर्च का सेवन करने से वजन पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। इसमें शक्तिशाली फाइटोन्यूट्रीसियंस होते हैं जो वसा की बाहरी परत को तोड़ने में सहायक होते हैं और इससे शरीर में अतिरिक्त वसा जमा नहीं हो पाती है। इस प्रक्रिया में पेशाब ज्यादा आती है और पसीना भी काफी निकलता है, इससे शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं और वजन कम होता है।
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क्या हैं काली मिर्च के नुकसान
- काली मिर्च की तासीर गरम होती और इसका अधिक सेवन करने से पेट से संबंधित समस्या हो सकती है। काली मिर्च को खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। लेकिन अगर इसकी अधिक मात्रा का प्रयोग किया जाये तो इससे अपच और पेट की खराबी संबंधी समस्या हो सकती है।
- काली मिर्च बड़ों से अधिक बच्चों के लिए नुकसानदेह है। इसलिए काली मिर्च का सेवन बच्चों को अधिक नहीं कराना चाहिए। हो सके तो बच्चों को काली मिर्च से दूर ही रखें।
- काली मिर्च के पाउडर से सांस संबंधित समस्या हो सकती है। इसके कारण सांस लेने में जलन, गले में खराश और यहां तक कि सांस लेने में समस्या भी हो सकती है।
- अगर आपने काली मिर्च का अधिक सेवन कर लिया तो यह मौत का भी कारण बन सकता है। काली मिर्च का अधिक सेवन करने से यह फेफड़े को अवरुद्ध कर देती है और इसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है, यही मौत का कारण बन सकती है।
- काली मिर्च को त्वचा की समस्या के उपचार के लिए सीधे न लगायें, हालांकि इससे बड़ों की त्वचा पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन इसके कारण बच्चों की त्वचा में जलन और लालिमा की समस्या हो सकती है।
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