
बर्ड फ्लू के कुछ संकेत हैं, जिनके माध्यम से इसके लक्षण मनुष्यों में होने का पता लगाया जा सकता है।
कर्नाटक में बर्ड फ्लू वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। ये बात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सोमवार को भारतीय कृषि मंत्रालय का हवाला देते हुए कही है। दरअसल, बैंगलोर के दसारहाली गांव में 951 में से 9 पक्षी एच5एन8 वायरस के प्रकोप से मर गए थे, जिसके चलते इस बात का खुलासा हुआ है। इस वायरस का पता 26 दिसंबर को ही चल गया था। हैरानी की बात यह है कि ये जानलेवा बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है। इंसान इसकी चपेट में ना आए ऐसे में इससे बचाव जरूरी है। बर्ड फ्लू के कुछ संकेत हैं, जिनके माध्यम से इसके लक्षण मनुष्यों में होने का पता लगाया जा सकता है।
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Image: Health Medley
क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू या Avian Influenza, एक वायरल संक्रमण है जो पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। तकनीकी तौर पर, H5N1 एक उच्च रोगजनक वायरस है। यह पक्षियों के लिए सबसे ज्यादा घातक है इसके अलावा यह इंसानों के लिए भी घातक है क्यूंकि वे भी पक्षियों के संपर्क में रहते है।
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बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण लोगो में अलग अलग हो सकते है। शुरुआती दौर में ये आम फ्लू के लक्षणों जैसे ही प्रतीत होते हैं। हालांकि यह एक गंभीर श्वसन रोग है जो धीरे धीरे जानलेवा साबित हो सकती है। खांसी, बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, निमोनिया और अन्य समस्याएं बर्ड फ्लू के लक्षण होते है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए बलगम की जाँच कराई जाती है। इससे पता चल जाता है की व्यक्ति H5N1 वायरस से संक्रमित है या नहीं।
बर्ड फ्लू से कैसे बचें
1- इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है स्वच्छता। आप खुद को और अपने आसपास सफाई रखें। गर्म पानी और साबुन के साथ नियमित रूप से हाथ धोएं। खाँसी और छींकने वाले लोगों से दूर रहें। अगर आप पोल्ट्री या पालतू पक्षियों के साथ काम कर रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधान रहना।
2- जब इस प्रकार की बीमारी के संक्रमण की बात सामने आए तो कोशिश करें मांस कम से कम खाएं, क्यों कि यह बीमारी खासकर मुर्गे, मुर्गियां, बत्तख आदि से फैलते हैं। हालांकि, यदि मांस को ठीक तरीके से पकाया गया है तो चिकन खाने के लिए सुरक्षित कर रहे हैं।
3- एक खास बात यह भी है कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए अभी तक किसी वैक्सीन की खोज नहीं हुई है, ऐसे में कोशिश करें कि मरे हुए पक्षियों ये दूरी बनाए रखें।
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