बोन मैरो ट्रांसप्लांट न मिलने के कारण भारत ही नहीं दुनिया में कई लोग हर साल अपनी जान गंवाते हैं। हाल ही में हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयों में मनोविज्ञान पढ़ाने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला नलिनी एंबेदी की ब्लड कैंसर से मौत हो गई। अमेरिका से लेकर भारत तक नलिनी के लिए जीवन रक्षक बोन मैरो ट्रांसप्लांट का दानदाता नहीं मिला। और यही उनकी मौत का कारण बना। लेकिन, नंदिनी ऐसी अकेली नहीं हैं, कई लोग इसी प्रकार की समस्या का सामना करते-करते जिंदगी की जंग हार जाते हैं। भारत जैसे देश में तो हालात और भी खतरनाक हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बोन मैरो दानदाताओं के अभाव में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले 70 फीसदी से ज्यादा रोगियों को अपने अनुकूल दानदाता नहीं मिल पाते। इसके अलावा दान किए गए गर्भनाल कॉर्ड ब्लड की मात्रा भी नगण्य ही है। देश में इस तरह के बैंक की जरूरत को महसूस करते हुए भारत की पहली स्टेम सेल बैंक 'लाइफसेल' ने देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक कॉर्ड ब्लड बैंक स्थापित करने की योजना बनाई है।
चेन्नई की इस कंपनी का लक्ष्य इस बैंक में 10,000 इकाई कॉर्ड ब्लड एकत्रित करना है। लाइफ सेल के प्रबंध निदेशक मयूर अभय ने बताया, "नलिनी की मौत के बाद स्टेम सेल के दानदाताओं के सार्वजनिक भंडार की जरूरत तेजी से महसूस की जा रही है।" कंपनी ने अगामी पांच वर्षो में यह बैंक स्थापित करने की योजना बनाई है। लाइफ सेल की इसके लिए 25 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।
वर्तमान में भारत में 15 निजी स्टेम सेल कॉर्ड ब्लड बैंक हैं। व्यापक भंडारण की जरूरत पर अभय ने कहा, "देश में बड़े स्तर पर जातीय विविधता होने कारण, स्टेम सेल कॉर्ड ब्लड की अधिकाधिक इकाइयां होने से मरीजों को अपने अनुकूल स्टेम सेल खोजने का उचित मौका मिलेगा।"
गौरतलब है कि गर्भनाल कॉर्ड ब्लड, स्टेम सेल का बड़ा स्त्रोत है, जिसमें 80 चिकित्कीय स्थितियों और थैलासीमिया, ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) और ऐसी अनेक गंभीर बीमारियों के उपचार की क्षमता होती है। मूल कोशिकाएं, पुनर्योजी कोशिकाएं हैं जो शरीर में क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की जगह प्रत्यारोपित की जा सकती हैं।
अभय ने बताया, "हमने लगभग एक लाख कॉर्ड ब्लड नमूनों के लिए 100 बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से सामझौता किया है। आमतौर पर 10 में से एक नमूने में भंडारण का गुण होता है।" उन्होंने बताया, "हमने एक कॉर्ड ब्लड स्त्रोत इकाई के लिए पांच लाख रुपये देने का फैसला किया है।"
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