
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है की फिटनेस सप्लीमेंट्स लेने का कोई फ़ायदा नहीं है। अगर सप्लीमेंट्स खरीदने में थोड़ी सावधानी बरतेंगे तो आपको अपना फिगर मेनटेन करने में काफी मदद मिलेगी।
शरीर को सुडौल और आकर्षक बनाने के चक्कर में आजकल के युवा हेल्दी फूड से ज्यादा फिटनेस सप्लीमेंट्स को ध्यान देने लगे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बाजारों में खुलेआम अलग-अलग कंपनियों के नकली फिटनेस सप्लीमेंट्स भी बेचे जा रहे हैं, जो आपकी सेहत को या तो नुकसान पहुंचाएंगे या फिर उसे खाने के बाद आपको कोई लाभ नही होने वाला है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है की फिटनेस सप्लीमेंट्स लेने का कोई फ़ायदा नहीं है। अगर सप्लीमेंट्स खरीदने में थोड़ी सावधानी बरतेंगे तो आपको अपना फिगर मेनटेन करने में काफी मदद मिलेगी।
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सप्लीमेंट क्यों जरूरी है?
दरअसल हमारे शरीर को प्रोटीन के साथ-साथ फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, पानी, मिनिरल्स तथा विटामिन्स की जरूरत पड़ती है। जो हमारी मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर शरीर को ताकत देती है। प्रोटीन और एमिनो एसिड मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी होता है। जिम या एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों को दोबारा ताकत देने के लिए इन चीजों की जरूरत पड़ती है। जबकि कार्बोहाइड्रेट्स और फैट्स शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। सप्लीमेंट भी इन्ही प्राकतिक खुराक पर ही आधारित होते हैं। इनमें जरूर के मुताबिक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जब कि नकली सप्लीमेंट्स में प्रोटीन का स्तर काफी ऊंचा होता है और कई बार ये हाई प्रोटीन नुकसानदायक या जानलेवा भी सिद्ध हो सकते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो सप्लीमेंट से मिलने वाला प्रोटीन हमारे शरीर में ज्यादा मात्र में पहुंचने के कारण फैट में बदल जाता है और कोलेस्ट्रॉल के रूप में हमारे शरीर में जमा हो जाता है, जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।
मार्केट में बढ़ रहे हैं नकली सप्लीमेंट्स
देश में बेचे जा रहे 60 से 70 प्रतिशत पूर्ण आहार नकली गैर-मान्यता या गैर-रजिस्टर्ड हैं। एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक देश में नकली फिटनेस सप्लीमेंट्स का बाजार वर्तमान में लगभग दो अरब डॉलर का है और वर्ष 2020 तक बढ़कर चार अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। डाक्टरों के अनुसार नकली फिटनेस सप्लीमेंट्स में स्टेरायड होता है, इनसे हार्ट अटैक, दिल के रोगों के अलावा अन्य भयानक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
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कैसे करें सही सप्लीमेंट्स की पहचान
सप्लीमेंट्स खरीदते समय लेबल और पैकेजिंग के साथ उसका एमआरपी और स्टीकर जरूर चेक करें। लेबल पर लिखी सामाग्री को जांचें। बारकोड की जांच करें और स्वाद के बारे में भी जानकारी लें। अगर आप खुद सप्लीमेंट्स की असलियत से संतुष्ठ नही हो पा रहे हैं तो आप किसी एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं। सप्लीमेंट लेने के दौरान अगर आपको किसी तरह की शारीरिक समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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