अगर आपको भी नहीं आती 8 घंटे की नींद, तो ये टिप्स हैं आपके लिए

'अर्ली टु बेड, अर्ली टु राइज़... यह नर्सरी राइम पढ़ी तो हर स्टूडेंट ने है पर इसमें दी गई सीख को अपनी दैनिक लाइफ में फॉलो कर पाना सबके लिए मुमकिन नहीं है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
अगर आपको भी नहीं आती 8 घंटे की नींद, तो ये टिप्स हैं आपके लिए

'अर्ली टु बेड, अर्ली टु राइज़... यह नर्सरी राइम पढ़ी तो हर स्टूडेंट ने है पर इसमें दी गई सीख को अपनी दैनिक लाइफ में फॉलो कर पाना सबके लिए मुमकिन नहीं है। अकसर देर रात तक पढ़ाई, गपशप या पार्टी करना यंगस्टर्स के डेली रूटीन में शामिल होता है, जिसकी वजह से उनकी ईटिंग हैबिट्स भी बदल जाती हैं।

मिड नाइट फूड क्रेविंग को बैचलर्स से बेहतर कौन समझ सकता है! देर रात तक जगते रहने के कारण उनका ऑड टाइम्स में भूख लगना स्वाभाविक है। न तो हर किसी को आधी रात को बाहर जाकर कुछ खाने की परमीशन मिल पाती है, न ही हर जगह के ईटिंग जॉइंट्स उस समय तक खुले रहते हैं। देर रात हेवी मील्स लेने के बजाय कुछ ऐसे लाइट स्नैक्स लेने चाहिए, जिनसे आपके स्लीप हॉर्मोंस को ऐक्टिवेट होने में मदद मिल सके। अगर अकसर कुछ हलका-फुल्का खाने का मन करता हो तो यह लिस्ट आपके लिए है।

इसे भी पढ़ें : इन बीमारियों की ओर घसीटता है अंगुली चटकाने का शौक!

अखरोट : इन्हें नींद बढ़ाने वाले हॉर्मोन ट्रिप्टोफैन का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। मुट्ठी भर अखरोट खाने से पेट तो भरता ही है, नींद भी जल्दी आ जाती है।

बादाम : अच्छी और गहरी नींद के लिए डाइट में मैग्नीशियम को शामिल करना बहुत ज़रूरी होता है। बादाम का सेवन आपकी इस मिनरल की ज़रूरत को पूरा करता है।

डेरी प्रोडक्ट्स : चीज़, दही, दूध आदि में पाए जाने वाले कैल्शियम से दिमाग ट्रिप्टोफैन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाता है। अकसर लोग सोने से पहले इन चीज़ों का सेवन करते हैं।

चेरी जूस : हालांकि, इसके बारे में पूरी निश्चितता से नहीं कहा जा सकता पर जो लोग इसका सेवन करते हैं, उन्होंने अपनी नींद के समय और क्वॉलिटी में सुधार महसूस किया है।

इसे भी पढ़ें : इन 4 आदतों से आपका बच्‍चा कभी नहीं होगा बीमार!

होल ग्रेन टोस्ट विद आमंड बटर : एक टेबलस्पून आमंड बटर में मैग्नीशियम का अच्छा डोज़ पाया जाता है। शरीर में इसकी कमी से नींद आने में दिक्कत होने के साथ ही मसल क्रैंप्स की समस्या भी हो सकती है।

जिंजर टी विद ड्राइड डेट्स : स्लीप एक्सपर्ट्स सोने से पहले चाय पीने को एक तरह का स्लीपिंग अलार्म मानते हैं। एक निश्चित समय पर चाय पीने से दिमाग को भी आभास हो जाता है कि अब सोने का समय हो गया है। उसके साथ ड्राई फ्रूट्स लेना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Healthy Living

Read Next

इन 2 जानलेवा बीमारियों को न्यौता देता है अधिक चीनी का सेवन

Disclaimer