विशेषज्ञों की माने तो आज की युवा वर्ग की सबसे बड़ी समस्या है नींद की कमी। युवा वर्ग में नींद की कमी का कारण नींद के समय में भारी बदलाव है। जिसके कारण लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल से संबंधित रोग एवं मोटापा जैसी कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में इसपर ध्यान नहीं दिये जाने के परिणाम घातक भी हो सकते हैं।जानकारों की माने तो सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में लोगों के जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है और इससे सोने की आदतों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जीवनशैली में आये बदलाव के कारण लोगों में नींद पूरी नहीं होने की शिकायतें सबसे आम हैं। सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ता है जो शिफ्ट में काम करते हैं।
ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि वे अपने काम के हिसाब से एक रूटीन बनायें ताकि उनके शरीर को पर्याप्त आराम मिल सके। डॉक्टरों के मुताबिक शरीर को शिफ्ट ड्यूटी के अनुरूप ढालने के लिये अलग-अलग शिफ्टों के बीच कम से कम 72 घंटे का वक्त होना चाहिये। ऐसा नहीं होने पर शरीर की जैविक घड़ी असंतुलित हो जाती है। इसे नियमित करने के लिये आहार, व्यायाम और अन्य कई बातों पर विशेष ध्यान देना होता है। मौजूदा दौर में दिनचर्या के नियमित नहीं हो पाने के कारण लोगों में नींद से संबंधित बीमारी स्लीप ऐपनिया काफी बढ़ रही है। जिसमें नींद के दौरान सांस में रुकावट पैदा होती है और कई बार यह घातक भी हो सकती है। इससे बचने के लिए जितना संभव हो सके खाने-पीने और सोने की आदतों को नियमित करें और साथ ही डॉक्टर की सलाह जरूर ले। नियमित व्यायाम, पोषक एवं नियंत्रित आहार से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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सूपरफूड्स
- कई बार विभिन्न तरह के विटामिन व खनिज तत्वों की शरीर में कमी के कारण भी रात में आंखों में नींद कोसों दूर होती है और लोग बिस्तर पर बस करवटें बदलते रह जाते हैं।
- मैग्नीशियम भी शरीर की ऐसी आवश्यकताओं में से एक है, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी है। इसकी कमी से लोगों को अक्सर अनिद्रा की शिकायत होती है। वर्ष 2006 के एक अध्ययन के मुताबिक, इसकी कमी से लोगों में तनाव पैदा हो सकता है और यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए समस्या बन सकती है। हरी सब्जियां, लौकी, तिल तथा बीन्स मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं।
- शरीर में पोटैशियम की कमी भी अनिद्रा की वजह हो सकती है। वर्ष 1991 के एक अध्ययन के मुताबिक, इसकी कमी दूर करने के लिए पूरक आहार लिए जा सकते हैं और इससे नींद न आने की समस्या काफी हद तक दूर की जा सकती है। खानपान में बीन्स, हरी सब्जियों तथा पके हुए आलू को शामिल करके भी इसकी कमी काफी हद तक दूर की जा सकती है।
- बादाम में मौजूद मैग्नीशियम अच्छी नींद के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद फाइबर, प्रोटीन, अमीनो एसिड जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को रोकते हैं। इसके अलावा इसमें ट्राइपटोफन नामक तत्व है जो अच्छी नींद के लिए फायदेमंद है।
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- आमतौर पर हम केला रात में खाने से परहेज करते हैं लेकिन अच्छी नींद के लिए यह बहुत फायदेमंद फल है। न्यूरोसाइंस पत्रिका के अनुसार, केले में पोटैशियम अच्छी मात्रा में होता है जो मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है, भूख शांत होती है और हम चैन की नींद सोते हैं।
- पहाड़ी फल किवी को डाइट में शामिल करने से शरीर को अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन सी और सेरोटोनिन नामक तत्व मिलते हैं जिससे नींद अच्छी आती है।
- अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन के अनुसार, रात में ओट्स खाने से भी नींद अच्छी आती है और जंकफूड खाने की इच्छा कम होती है। ओट्स में कैलोरी कम होती है और कार्बोहाइड्रेट्स व ट्राइपटोफन अधिक होता है जो नींद आने में मदद करता है।
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