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क्या आपके घर में भी हैं छोटे बच्चे? तो आपके किचन गार्डन में जरूर होनी चाहिए ये 5 जड़ी-बूटियां

Herbs For A Kitchen Garden: अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं, तो इन जड़ी-बूटियों को किचन गार्डन में रखने से उन्हें बीमार होने से बचाने में मदद मिलेगी
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क्या आपके घर में भी हैं छोटे बच्चे? तो आपके किचन गार्डन में जरूर होनी चाहिए ये 5 जड़ी-बूटियां

Herbs For A Kitchen Garden: एक पेरेंट्स होने के नाते हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे स्वस्थ रहें। इसलिए हम उनकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। लेकिन जब छोटे बच्चों की देखभाल की बात आती है, तो यह पेरेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है, क्योंकि छोटे बच्चे बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। उन्हें ज्यादा दवाएं देना भी स्वस्थ नहीं होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अर्पणा पद्मानाभन की मानें, तो घर में छोटे बच्चे होने पर कुछ जरूरी चीजों का होना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद सुझाव देता है कि अगर घर में छोटे बच्चे हैं, तो आपको अपने किचन गार्डन में कुछ जड़ी-बूटियां जरूर रखनी चाहिए। यह बच्चे की तबियत खराब होने से बचाती हैं और छोटी-मोटी दिक्कतों दूर करने में मदद करती हैं। डॉ. अर्पणा ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में ऐसी 4 जड़ी-बूटियां शेयर की हैं, घर में छोटा बच्चा होने पर जिन्हें आपको किचन गार्डन में जरूर रखना चाहिए।

किचन गार्डन में जरूरी होनी चाहिए ये 5 जड़ी-बूटियां- Herbs For A Kitchen Garden If You Have Kids In Hindi 

1. तुलसी  (Tulsi)

  • यह सर्दी, खांसी और बुखार से लड़ने में मदद करती है
  • इम्यूनिटी बढ़ाती है
  • ब्रेन फंक्शन और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करती है
  • फोकस बढ़ाती है और मस्तिष्क को सचेत करती है
  • यह हर्बल एडाप्टोजेन हर्ब है, जो तनाव को दूर करती है
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2. एलोवेरा (Aloe Vera)

  • चोट के घाव भरने में मदद करता है
  • धूप से झुलसी त्वचा की जलन शांत करने और मच्छरों के काटने के निशान ठीक करता है
  • इसमें एटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-एजिंग गुण होते हैं
  • यह दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है
  • कील-मुंहासे ठीक करता है
  • ड्राई स्किन को मॉइश्चराइज करके कोमल बनाता है
  • त्वचा के स्ट्रेच मार्क्स दूर करता है

3. कर्पूरवली (KarpooraVali)

  • यह बुखार, सर्दी और खांसी को दूर करने में मदद करती है
  • बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या दूर करती है
  • भूख बढ़ाने और डाइजेशन में सुधार करती है
  • त्वचा की खुजली, चकत्ते और मच्छरों के काटने के निशान ठीक करती है

4. मुरीकूटी (हेमिग्राफिस कोलोराटा)

  • इसमें घाव भरने वाले गुण होते हैं
  • यह कई औषधीय गुणों भरपूर होती है जैसे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती हैं
  • यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है
  • यह बच्चों को हानिकारक कणों से बचाने में मदद करती है।

बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए इन जड़ी-बूटियों का प्रयोग कैसे करें?

कर्पूरवल्ली और तुलसी की चाय

सर्दी-खांसी और बलगम की समस्या दूर करने के लिए यह चाय बहुत लाभकारी है। इसे बनाने के लिए आपको 500ml पानी में दोनों की 3-4 पत्तियां समान मात्रा में डालकर उबाल लेनी हैं। उसके बाद इसे छान लें और एक बोतल में भरकर रख दें। इसे बच्चे को प्यास लगने पर पिलाएं।

कर्पूरवल्ली और तुलसी का जूस

इसके लिए आपको कर्पूरवल्ली की पत्तियों को पैन में 5 सेकेंड्स तक टोस्ट करना है। इनका अर्क निकाल लें और इसमें तुलसी की पत्तियों का जूस मिलाएं। अंत में इसमें आधा चम्मच शहद जालें और दिन में 4-5 बार बच्चे को पिलाएं। 

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एलोवेरा जेल

आप इसे सीधे तौर पर चोट और जले या कटे हुए हिस्से पर लगाना है। 

मुरीकूटी

इसकी पत्तियों का जूस आप ताजे जख्म और घाव पर लगा सकते हैं। लेकिन अगर घाव गहरे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका प्रयोग करें।

All Image Source: Freepik

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