हाथ, कलाई और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है वशिष्ठासन, जानिए इस योगासन को करने का तरीका और 5 फायदे

वशिष्ठासन योग हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस आसन को करने से आपके कंधे और कलाईयां मजबूत होती हैं।
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हाथ, कलाई और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है वशिष्ठासन, जानिए इस योगासन को करने का तरीका और 5 फायदे

योग हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों के लिए योग भी अलग-अलग होते हैं। इन योग में से एक योग है वशिष्ठासन, वशिष्ठासन योग पूरी तरह से हाथों पर संतुलन की मुद्रा होती है। यह योग आपके ट्राइसेप और कलाई को लक्षित करती है। इस आसन के अभ्यास से हमारा मन शांत होता है। यह एक साइड प्लैंक पोज है। हार्ट चक्र को संतुलित करने में वशिष्ठासन योग हमारे लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। वशिष्ठासन योग को करने के लिए हमें अपने पूरे शरीर को सीधा रखना होता है। शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए यह योग बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानते हैं वशिष्ठासन योग के फायदे और क्या है इस आसन को करने का सही तरीका- 

वशिष्ठासन योग करने की विधि (Steps to do Vasisthasana) 

  • वशिष्ठासन योग करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। 
  • अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखते हुए कमर को छुकाएं। 
  • इसके बाद आप अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाते हुए सीधा रखें।
  • इस दौरान आपके पूरे शरीर का वजन दोनों पैरों और हाथों की उंगलियों पर होगा। 
  • इसके बाद अपने पूरे शरीर का वजन दाएं हाथ पर दें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इस दौरान आपको दाएं पैर को ऊपर की ओर ले जाना है और बाएं पैर का वजन दाएं पैर होना चाहिए। 
  • अब सांस को अंदर की ओर लेते हुए बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें। जिससे आपके दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाए।
  • वशिष्ठासन योग में आपके पैर, शरीर का ऊपरी हिस्सा और सिर एक सीधी रेखा में रहता है।
  • करीब 10 से 20 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें। इसके बाद साँस को छोड़ते हुए, बाएं हाथ को नीचे लाएं।
  • अब इसी क्रिया को विपरीत दिशा में दोहराएं।

वशिष्ठासन योग से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे 

1. हाथ को रखे मजबूत 

वाशिष्ठासन योग का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके हाथ, भुजा और कंधे मजबूत होते हैं। इस योग को करने से आपकी ताकत में सुधार होता है। इस वजह से इस आसन को कई लोग वन साइड आर्म बैलेंस पोज भी कहते हैं। इस योग को अधिकतर एक्सपर्ट कंधे की हड्डी को जोड़ने के लिए करने को कहते हैं। इससे आपके हाथ का संतुलन बेहतर होता है। इसके अलावा यह योग आपकी बॉडी को टोन प्रदान करता है। 

2. शरीर में बनाए रखे  संतुलन और स्थिरता 

साइड प्लैंक पोज़ यानी वसिष्ठासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके शरीर में संतुलन बना रहता है। इससे आपकी रीढ़ की हड्डी में दोनों ओर से एक समान रूप खिंचाव होता है। इससे आपको स्थिरता पाने में मदद मिलती हैं। इस योग को करने से आपका ध्यान केंद्रित रहता है। 

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3. कोर होगी मजबूत 

वशिष्ठासन योग करने से आपके शरीर का कोर मजबूत होता है। इसके साथ ही यह योग आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। वशिष्ठासन योग करने के दौरान आपको अपने शरीर के रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह सीधा रखना होता है। जिससे आपके पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। जिससे आपका कोर और एब्स मजबूत होता है। 

4. कूल्हो और रीढ़ की हद्दी होगी मजबूत 

वशिष्ठासन योग का अभ्यास करने के दौरान हमें अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर रीढ़ की हड्डी के एक सीध में रखना होता है। ऐसा करने के लिए हमें श्रोणि तल की मांसपेशियों का उपयोग करना होता है। वशिष्ठासन योग से दोनों ओर समान रूप से दबाव पड़ता है। इस योग को करने से कूल्हों में स्थिरता आती है। कूल्हों में स्थिरता होने से कोर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।  

5. पैर और कलाई है लाभदायक

वशिष्ठासन योग करने वाले व्यक्तियों की कलाई और पैर भी काफी मजबूत होते हैं। क्योंकि इस आसन का अभ्यास करने से आपके शरीर का पूरा वजन इन्हीं हिस्सों पर पड़ता है। 

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