जोड़ो में अकड़न और मांसपेशि‍यों में दर्द प्रोटीन की कमी के हैं संकेत, जानें प्रोटीन के स्त्रोत

प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण माइक्रो न्यूट्रिएंट्स में से एक है, जो शरीर के कार्य करने के लिए जरूरी है। प्रोटीन शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में सबसे महत्वपूर्ण है। शरीर में प्रोटीन की कमी होने से प्रतिरक्षा प्रणाली कम हो जाती है, जिससे संक्रमण और बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
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जोड़ो में अकड़न और मांसपेशि‍यों में दर्द प्रोटीन की कमी के हैं संकेत, जानें प्रोटीन के स्त्रोत

प्रोटीन आपके लिए बेहद जरूरी होता है। प्रोटीन आपके आहार का एक अहम हिस्सा है। यह कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। प्रोटीनयुक्त आहार आपके शरीर की कार्यप्रणाली को दुरूस्त रखता है, भूख को नियंत्रित रखता है, तनाव को कम करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार होता है। पहले लोग फलियां, बीन्स, सब्जियां, दही और अनाज का सेवन एक साथ करते थे। इनका एक साथ सेवन करने से भोजन के स्वाद को बढ़ाने के अलावा ये शरीर में प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी भी नही होने देते थे। आपके शरीर में पाए जाने वाले कई ऐसे रसायनों में भी प्रोटीन पाया जाता है, जिनमें हार्मोन, एंजाइम आदि शामिल हैं। इसके सेवन से दिमाग  तेज बनाता है और प्रोटीनयुक्त आहार ब्लड शुगर, हाई बीपी, हृदय रोग संबंधी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार है।

प्रोटीन के स्त्रोत

शाकाहारी लोगों के लिए पूर्ण प्रोटीन प्राप्त करना मुश्किल होता है। 20 विभिन्न अमीनो एसिड्स से मिलकर प्रोटीन का निर्माण होता है। लेकिन 9 अमीनो एसिड्स का निर्माण शरीर स्वयं नहीं कर सकता है। इनको आवश्यक अमीनो एसिड्स कहा जाता है और इनको अपने भोजन में शामिल करना बहुत जरूरी है।। अंडा और मीट पूर्ण प्रोटीन्स वाले स्त्रोत हैं लेकिन फलियों और बादाम आदी में पूर्ण प्रोटीन नहीं होते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन ही एक मात्र प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है।
अनाज में लाइसिन अमीनो एसिड की कमी होती है, जबकि फलियां और दालों में मेथिओनिन नहीं होता है।लेकिन इन दोनों को मिलाकर आपको एक संतुलित पोषण मिल सकता है जैसे कि चावल या चपाती के साथ दाल या बीन्स का सेवन करके आप पूर्ण प्रोटीन प्राप्त कर सकते है।

मांसाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत मांस, पोल्ट्री, डेयरी उत्पाद, अंडे और मछली हैं क्योंकि पशु में स्वाभाविक रूप से सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो मानव शरीर के लिए आवश्यक है। ये नौ आवश्यक अमीनो एसिड - हिस्टिडाइन, आइसोलेसीन, ल्यूसीन, लाइसिन, मेथिओनिन, फेनिललाइन, थ्रेओनीन, ट्रिप्टोफैन और वेलिन हैं।

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शाकाहारियों में प्रोटीन और कई अन्य पोषक तत्वों की कमी ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि पौधों से मिलने वाले आहार में प्रोटीन और कई अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नही होते हैं। जैसे कि-

  • विटामिन बी 12:  ये मुख्य रूप से मछली, मांस, चिकन और डेयरी उत्पादों में पाए जाते हैं।
  • विटामिन डी: तैलीय मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में होते हैं।
  • डोकोसाफेक्सॅयेनायिक एसिड (DHA): वसायुक्त मछली में पाया जाता है।
  • जिंक और आयरन: ये मुख्य रूप से लाल मांस में पाया जाता है।

प्रोटीन की जरूरत

प्रोटीन्स हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी पोषक तत्व है। ये शरीर के लिए एक ऊर्जा स्रोत होते हैं। हर शरीर के लिए अलग-अलग प्रोटीन की आवश्यकता होती है। एक सामान्य स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए उसके प्रति किलोग्राम भार की तुलना में 0.8 ग्राम से एक ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। इसका मतलब 60 किग्रा वजन वाले व्यक्ति को 60 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होगी। एक ग्राम प्रोटीन में लगभग 4 कैलोरी पायी जाती है। प्रोटीनयुक्त आहार के सेवन से भूख कम लगता है और आपको वजन कम करने में मदद करता है।

प्रोटीन की कमी

दुनिया भर में लगभग एक बिलियन लोग प्रोटीन की कमी से पीड़ित हैं, दक्षिण एशिया में सबसे अधिक लोग इससे प्रभावित हैं। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं लेने से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ का निर्माण कम होता है, जिससे लचीलापन कम हो जाता है और जोड़ों में अकड़न के साथ मांसपेशि‍यों में भी दर्द की समस्या बढ़ने लगती है जो कि छोटे बच्चों और वृद्ध व्यक्तियों में सबसे आम है।  त्वचा, बाल और नाखून ज्यादातर प्रोटीन से बने होते हैं, और इसकी कमी से त्वचा से संबंधित समस्या, बाल पतले होना, बालों का झड़ना और भंगुर नाखून हो सकते हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी से सफेद रक्त कोशि‍काओं की संख्या कम होती जाती है और हीमाग्लोबिन भी कम हो सकता है। इन कारणों से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। जिससे इन्फ्लूएंजा जैसे संक्रमण की संभावना और गंभीरता बढ़ जाती है। स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों और माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स से भरपूर कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना आवश्यक है।

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार अलग-अलग खाद्य सामाग्री में प्रोटीन के स्त्रोत

  • दाल (पकी हुई एक कटोरी): 5-6 ग्राम
  • नट (20-30): 15-20 ग्राम
  • अनाज (दो चपातियां, एक कटोरी चावल): 2-3 ग्राम
  • दूध (आधा ग्लास): 3-4 ग्राम
  • मछली (2-3 पीस): 20-22 ग्राम
  • चिकन, लाल मांस (छाती, तीन पीस): 19-20 ग्राम
  • अंडा (एक): 8-10 ग्राम

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