सुबह-शाम दोनों समय वर्कआउट करना फायदेमंद है या नुकसानदायक? जानें डेली वर्कआउट के लिए जरूरी टिप्स

अगर आप भी अपनी फिटनेस को लेकर गंभीर हैं और रोजाना सुबह-शाम दोनों समय जिम जाकर एक्सरसाइज और वर्कआउट करते हैं, तो सावधान हो जाएं। पहले जान लें कि दिन में 2 बार वर्कआउट करना कितना फायदेमंद या नुकसानदायक है और कैसे मैनेज करें इसे।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Oct 11, 2019 17:16 IST
सुबह-शाम दोनों समय वर्कआउट करना फायदेमंद है या नुकसानदायक? जानें डेली वर्कआउट के लिए जरूरी टिप्स

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क्या आप अपनी फिटनेस को मेनटेन रखने के लिए सुबह और शाम, दोनों समय वर्कआउट करते हैं? वैसे तो एक्सरसाइज करना शरीर के लिए फायदेमंद होता है, मगर ज्यादा एक्सरसाइज का शरीर पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है। आपका शरीर दोनों टाइम की एक्सरसाइज को झेल सकता है या नहीं, ये कई बातों पर निर्भर करता है, मसलन- आप कौन सी एक्सरसाइज करते हैं और आप दिनभर क्या काम करते हैं आदि।

आजकल जहां लोगों के पास एक बार भी एक्सरसाइज करने का समय नहीं होता है, वहीं कुछ लोग फिटनेस को लेकर इतने दीवाने होते हैं कि दिन में 2 बार वर्कआउट शुरू कर देते हैं। जानें कितना फायदेमंद या नुकसानदायक है दिन में 2 बार वर्कआउट करना।

दोनों समय वर्कआउट कितना सही?

लोगों के बीच ये एक सामान्य धारणा है कि वो जितना ज्यादा वर्कआउट करेंगे, उतने ज्यादा फिट रहेंगे। मगर अति हर चीज की बुरी होती है, और एक्सरसाइज भी इसमें शामिल है। एक्सरसाइज हमारे शरीर को फिट रखने का एक तरीका है। मगर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप रोजाना दिन के कई घंटे जिम में वर्कआउट करते रहें। आमतौर पर दोनों टाइम वर्कआउट की सलाह एथलीट्स, खिलाड़ियों और पहलवानों को दी जाती है। सामान्य लोगों के लिए दोनों टाइम हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना नुकसानदायक हो सकता है। आइए आपको बताते हैं इससे जुड़े फायदे और नुकसान।

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दोनों समय वर्कआउट करने के नुकसान

आमतौर पर अगर आप हल्के-फुल्के एक्सरसाइज या वर्कआउट करते हैं, तो आप दोनों समय इन्हें कर सकते हैं। मगर यदि आप मेहनत वाली एक्सरसाइज करते हैं या हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं, तो आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल अगर आपका शरीर ज्यादा मेहनत का आदी नहीं है, तो अचानक से दिन के कई घंटे वर्कआउट करने के बाद आपका शरीर 'स्ट्रेस स्टेट' में पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में हार्ट रेट (दिल की धड़कन), ब्लड फ्लो (रक्त प्रवाह) और हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ने लगता है। इसलिए आपको अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही वर्कआउट करना चाहिए।

मांसपेशियों में खिंचाव से हो सकता है नुकसान

दोनों समय वर्कआउट करने से कई बार शरीर इतनी मेहनत को नहीं झेल पाता है और मांसपेशियों में खिंचाव या डैमेज आ सकता है, जो कि एक दर्द भरी और खतरनाक स्थिति है। इसके कारण आपके शरीर में लगातार दर्द, चलने-फिरने में परेशानी और वर्कआउट के समय तेज दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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दोनों समय एक्सरसाइज करना कब है फायदेमंद?

अगर आप वाकई दोनों समय अपनी फिटनेस को समय देना चाहते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी टिप ये है कि अपने वर्कआउट को दिन और रात की कैटेगरी में बांट लें। दिन में आप जिम जाकर अपनी रेगुलर वर्कआउट कर सकते हैं, जिसमें कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, वेट ट्रेनिंग आदि शामिल हैं। जबकि शाम के समय आप हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे- पैदल चलना, साइकिल चलाना, स्विमिंग या कोई खेल खेलना आदि कर सकते हैं। इससे आपका शरीर सक्रिय भी रहेगा और उस पर अतिरिक्त भार भी नहीं आएगा।

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