गठिया और अर्थराइटिस से परेशान हैं तो मोटापा हो सकता है कारण, शरीर में जमा फैट बढ़ाता है यूरिक एसिड

पेट के आसपास जमा चर्बी गठिया और किडनी की पथरी के खतरे को बढ़ा सकती है। ये चर्बी शरीर में यूरिक एसिड का उत्पादन बढ़ाती है, जिसके कारण गठिया होता है।
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गठिया और अर्थराइटिस से परेशान हैं तो मोटापा हो सकता है कारण, शरीर में जमा फैट बढ़ाता है यूरिक एसिड

गठिया होने पर व्यक्ति के घुटनों और जोड़ों में तेज दर्द होता है, जिसके कारण चलना-फिरना और काम करना मुश्किल हो जाता है। गठिया भी एक तरह का अर्थराइटिस ही है। गठिया समेत अन्य तरह के अर्थराइटिस का मुख्य कारण शरीर में जमा होने वाला यूरिक एसिड होता है और यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें खानपान के अलावा मोटापा भी एक बड़ी भूमिका निभाता है। अक्सर जोड़ों में दर्द की समस्या से वही लोग परेशान होते हैं, जो पहले से मोटापे का शिकार होते हैं। आइए आपको बताते हैं मोटापा और गठिया या अर्थराइटिस का आपस में संबंध।

arthritis and fat

गठिया क्यों होता है?

गठिया बहुत तकलीफदेह बीमारी है। आमतौर पर गठिया तब होता है, जब शरीर के जोड़ों में यूरिक एसिड के छोटे-छोटे क्रिस्टल्स (टुकड़े) जमा हो जाते हैं। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का कारण आपका गलत खानपान हो सकता है। दरअसल बहुत सारे फूड्स ऐसे हैं, जिनमें 'प्यूरिन' नामक एक खास तत्व होता है। ये प्यूरिन शरीर में जाकर टूटता है और यूरिक एसिड का निर्माण करता है। आमतौर पर प्यूरिन वाले फूड्स रेड मीट, कुछ खास मछलियां और बियर आदि हैं। लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। मोटापा भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है।

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पेट की चर्बी और गठिया

वैज्ञानिकों के अनुसार पेट की चर्बी और गठिया का आपस में गहरा संबंध है। अगर कोई व्यक्ति शरीर से मोटा नहीं है, मगर उसके पेट के आसपास चर्बी (visceral fat या belly fat) जमा है, तो भी उसे गठिया होने का खतरा ज्यादा होगा। इसका कारण यह है कि पेट में जमा चर्बी (बेली फैट) ज्यादा मात्रा में इंफ्लेमेट्री केमिकल्स रिलीज करता है, जो कि गठिया के खतरे को बढ़ाता है। ये इंफ्लेमेट्री केमिकल्स गठिया के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों, जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल की बीमारियां और स्ट्रोक आदि का खतरा भी बढ़ा देते हैं। इसलिए पेट पर चर्बी न जमा होने दें।

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यूरिक एसिड क्यों बढ़ जाता है?

शरीर में यूरिक एसिड मुख्य रूप से खाने की चीजों के द्वारा ही बढ़ता है। ऐसे बहुत सारे फूड्स हैं, जिनमें प्यूरिन प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।इन फूड्स में मटर, टमाटर, गोभी, पनीर, भिंडी, राजमा, दाल, सूखे बीन्स, रेड मीट, शेल-फिश, मटन और बियर आदि शामिल हैं। इन फूड्स का ज्यादा मात्रा में सेवन गठिया के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके अलावा कई लोगों में कुछ खास दवाओं (डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की दवाओं) के सेवन के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है।

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किडनी की पथरी का कारण भी बन सकता है यूरिक एसिड

यूरिक एसिड से सिर्फ गठिया का ही खतरा नहीं बढ़ता है, बल्कि ये पथरी का भी कारण बन सकता है। दरअसल ये एसिड छोटे-छोटे क्रिस्टल्स के फॉर्म में बनता है, जो कि आसानी से शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। ब्लड सर्कुलेशन के दौरान ये क्रिस्टल्स जोड़ों और किडनी में जमा होने लगते हैं। धीरे-धीरे जमा होकर जब ये बड़ा रूप ले लेते हैं, तो व्यक्ति के किडनियों में पथरी का दर्द शुरू हो जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शरीर में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड बालों के झड़ने का भी कारण बन सकता है।

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गठिया और यूरिक एसिड से बचने के लिए क्या करें?

  • एल्कोहल का सेवन बिल्कुल न करें।
  • शरीर, खासकर पेट की चर्बी को घटाने का प्रयास करें और वजन को संतुलित रखें।
  • ऊपर बताए गए प्यूरिन प्रोटीन वाले आहारों का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
  • खाने में ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक चीजें जैसे- फल, सब्जी, दूध और अनाज आदि को शामिल करें।
  • जोड़ों में दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें उचित सलाह लें।

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