हाल ही में हुए अध्ययन से ताउम्र जवान रहने के संकेत मिले हैं। इस अध्ययन के मुताबिक बस जरूरी है अपनी जीवनशैली में सुधार करने की सलाह दी गई है- जैसे तनाव घटाना, खान-पान में सुधार और हल्की-फुल्की कसरत - जिनसे टेलोमीयर की लंबाई बढ़ती है।
क्या है टेलोमीयर
टेलोमीयर यानी क्रोमोसोम या गुणसूत्रों के सिरे जो हमारे बूढ़े होने को नियंत्रित करते हैं। सादगी भरी जीवनशैली ही ताउम्र जवान रहने के लिए काफी है। दरअसल, टेलोमीयर डीएनए का विस्तार है,जो हमारे जेनेटिक कोड की रक्षा करते हैं। इनकी तुलना अकसर जूते के फीतों के सिरे से होती है, क्योंकि ये क्रोमोसोम को झड़ने और बिखरने से रोकते हैं और जेनेटिक कोड को स्थिर रखते हैं। जब भी कोई कोशिका विभाजित होती है तो टेलोमीयर छोटा हो जाता है, उस बिंदु तक जब तक कि बूढ़ी हो रही कोशिका और विभाजित न हो सके और निष्क्रिय हो जाए या बूढ़ी होकर मर जाए। छोटे टेलोमीयर का संबंध उम्र से जुड़ी कई बीमारियों से होता है जिनमें कैंसर, दिल के रोग और डिमेंशिया शामिल हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने उन 10 पुरुषों पर नजर रखी जो प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे और उनसे कहा कि वो पौधों से मिली चीजों पर आधारित खाना खाएं, कसरत करें और ध्यान और योग की मदद से तनाव पर नियंत्रण रखें। इन लोगों के टेलोमीयर की लंबाई शुरुआत में ली गई और फिर पांच साल बाद ली गई। इसकी तुलना उन 25 लोगों से की गई, जिन्हें जीवनशैली बदलने को नहीं कहा गया था। खास जीवनशैली का पालन न करने वाले 25 लोगों के टेलोमीयर तीन फीसद छोटे हो चुके थे लेकिन जिन लोगों ने अच्छी जीवनशैली का पालन किया उनके टेलोमीयर की लंबाई 10 प्रतिशत बढ़ गई। इस अध्ययन में जिन पुरुषों ने जीवनशैली में बदलाव किया, वो हफ्ते में छह दिन कम से कम 30 मिनट पैदल चलते थे।
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