
तेजपत्ता अपने सुगंधित स्वाद के लिए जाना जाता है। भारतीय व्यंजनों में व्यापक रूप से एक शुद्ध मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग एक जड़ी-बूटी के तौर पर भी किया जाता है, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र के लिए स्वदेशी है। यह विटामिन ए और सी के साथ-साथ फोलिक एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों से भरा होता है और यह कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।
पोषक तत्वों से भरपूर तेजपत्ता जड़ी-बूटी पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करने, दिल की रक्षा करने और तनाव को कम करने में मददगार होता है। यहां तक कि तेजपत्ते का प्रयोग डायबिटीज रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन फ़ंक्शन में सुधार करने के लिए जाना जाता है। जर्नल ऑफ बायोकेमिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित 2016 के एक अध्ययन ने सुझाव दिया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले जो भी लोग तेजपत्ते का सेवन करते थे उनमें रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर लेवल कम होता था और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार देखा गया था।
टाइप 2 डायबिटीज रोगियों ने 30 दिनों के लिए प्रति दिन 1, 2, या 3 ग्राम तेजपत्ते के कैप्सूल लिए और एक चौथे ग्रुप को साइक्लॉजिकल प्रभाव डालने के लिए एक सामान्य गोली दी गई। तेजपत्ते का सेवन करने वाले तीन समूहों में परीक्षण के अंत में ग्लूकोज का स्तर कम था और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में सुधार देखा गया। तेजपत्ते का सक्रिय घटक पॉलीफेनोल होता है, जो ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति जहां शरीर अनियमित रूप से रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि और गिरावट का अनुभव करता है।
भारत में मधुमेह के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में लगभग 62 मिलियन भारतीय मधुमेह से पीड़ित हैं, जो देश की पूरी वयस्क आबादी का लगभग सात प्रतिशत है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या 2035 तक 109 मिलियन लोगों तक पहुंच जाएगी।
तेजपत्तों में सूक्ष्म पोषक तत्वों में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 6, मैंगनीज, आयरन और कैल्शियम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, तेजपत्ते को डायबिटीज रोगियों के लिपिड प्रोफाइल में सुधार करने के लिए भी पाया गया था। मसाला ही नहीं औषधि भी है तेजपत्ता
डायबिटीज में कैसे करें तेजपत्ते का इस्तेमाल
अधिकांश लोग सूखे हुए तेजपत्तों का इस्तेमाल करते हैं। खासकर तब जब यह पौधों से टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं। दरअसल, तेजपत्ते बहुत ही स्ट्रांग मानी जाती हैं। आमतौर पर सब्जियों या दालों में भोजन की मात्रा के अनुसार इसे डाला जाता है, इस दौरान इसके सभी पोषक तत्व और सुगंध भोजन में पूरी तरह से घुल जाता है। इन पत्तों को खाना खाने के दौरान बाहर निकाल दिया जाता है। त्वचा और बालों के लिये वरदान है तेजपत्ता
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खाना पकाने में उपयोग किए जाने वाले तेजपत्ते के पोषण मूल्य को बदलने की संभावना नहीं है। आमतौर पर, पत्ते को खाने से पहले पकवान से हटा दिया जाता है। हालांकि, अगर एक डिश में पीसकर इन्हें डालते हैं तो, आप कुछ अधिक पोषण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मधुमेह रोगियों को अपनी नियमित दवा के साथ-साथ अन्य स्वस्थ आहार और जीवनशैली के नियमों का पालन करने के साथ तेजपत्ते का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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