इन दिनों ज्यादातर बैठे रहने की जीवनशैली, बैठने-उठने के गलत तरीके और व्यायाम न करने के कारण कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है। यह समस्या अब न केवल उम्र से जुड़ी है बल्कि इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी तकलीफदेह साबित हो रही है। इंडस हेल्थ प्लस की प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट कंचन नायकवाड़ी का कहना है हालांकि, कमर का दर्द कष्टकारी और असहज करने वाला हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता है। कमर का दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी पीठ की हड्डियां, मांसपेशियां और लिगामेंट्स किस तरह काम करते हैं और किस तरह एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।
इसे भी पढ़ें : बजट 2018: हेल्थ सेक्टर में 10 बड़ी घोषणाएं, अब फ्री में होगा इलाज!
कंचन के मुताबिक, वयस्कों में कमर दर्द हर दिन की गतिविधियों या बैठने-उठने के गलत तरीकों के परिणामस्वरूप हो सकता है जैसे, कंप्यूटर के इस्तेमाल करने के दौरान सही तरीके से नहीं बैठना, अजीबोगरीब तरीके से मुड़ना, किसी सामान को धक्का देना या खींचना या उठाना और लंबे समय तक खड़े रहना आदि। कंचन ने कहा, चूंकि, किशोरों और कम उम्र के लोगों की शारीरिक बनावट लचीली होती है, उनमें वयस्कों की तरह कमर दर्द की समस्या आम नहीं होती है। बच्चों के मामले में, भारी बैग उठाने, सही तरीके से नहीं सोने, खेल-कूद के दौरान लगने वाली चोट, आदि उनकी कमर दर्द के कारण हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : इस 1 टीके से होगा प्रोस्टेट कैंसर का इलाज, हुआ आविष्कार
हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट कंचन ने कमरदर्द के जोखिमों को गिनाते हुए कहा कि मानसिक तनाव देने वाले काम, अवसाद या बेचैनी, गर्भावस्था (गर्भवती महिलाओं को कमर दर्द होने की आशंका ज्यादा होती है), लंबे समय तक बैठे रहने की जीवनशैली- धूम्रपान, शराब का सेवन और सोने-जगने का अनियमित समय, उम्र और लिंग, मोटापा, अत्यधिक शारीरिक श्रम का काम करना (यदि सही तरीके से न किया गया हो) के कारण कमरदर्द हो सकता है। कंचन ने कहा कि शारीरिक व्यायाम, शरीर का सही पॉश्चर, स्वस्थ आहार, सोने का सही तरीका, मानसिक तनाव को कम करना, धू्म्रपान न करना और जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव लाकर कमर दर्द के खतरे को कम कर सकते हैं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Health News In Hindi