बेबी फूड में मौजूद एडड शुगर और मीठा फ्लेवर उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में स्वीट फूड की चाहत को बढ़ा सकता है, जिससे उनमें मोटापे और दांतों की सडन होने का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कमर्शियल उत्पादों में मौजूद शुगर का उच्च स्तर एक चिंता का विषय भी है।
WHO ने किया अध्ययन
WHO के मुताबिक, बहुत से बेबी फूड में शुगर का अनुचित रूप से स्तर अधिक होता है लेकिन उसे गलत तरीके से पेश किया गया होता है। संगठन ने बेबी फूड उत्पादों की पोषक सामग्री और उनकी मार्केटिंग की जांच का पता लगाने के लिए दो अध्ययन किए।
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चार देशों में किया गया अध्ययन
संगठन ने चार देशों में नवंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच दुकानों पर नवजातों और बच्चों के लिए 8,000 से ज्यादा फूड और ड्रिंक से आंकड़ों को इकठ्ठा किया। संगठन ने अध्ययन में पाया कि कम से कम आधे उत्पादों में 30 फीसदी कैलोरी शुगर से आती है। इसके अलावा फ्रूट जूस या फिर पेय पदार्थों में शुगर को एक सामग्री के रूप में शामिल किया जाता है।
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बेबी फूड में मौजूद एडड शुगर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बेबी फूड में मौजूद एडड शुगर और मीठा फ्लेवर उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में स्वीट फूड की चाहत को बढ़ा सकता है, जिससे उनमें मोटापे और दांतों की सडन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही संगठन के लिए कमर्शियल उत्पादों में मौजूद शुगर का उच्च स्तर एक चिंता का विषय भी है।
छह महीने तक स्तनपान जरूरी
डब्लूएचओ ने जोर देकर कहा कि बच्चों को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए कम से कम छह महीने तक स्तनपान कराया जाना चाहिए। उनके अध्ययन के मुताबिक, शहरों में बेचे जा रहे 28 से 60 प्रतिशत खाद्य और पेय उत्पाद कम उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त थे।
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बाल विकास को सुनिश्चित करना जरूरी
यूरोप के लिए डब्लूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर जसुजसन्ना जैकब ने कहा, '' नवजात और बच्चों में अच्छा पोषण बेहतर बाल विकास को सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है और इसके कारण ही उम्र बढ़ने पर बेहतर स्वास्थ्य परिणामों और अधिक वजन, मोटापे और आहार से संबंधित गैर-संवेदी रोगों (एनसीडी) से बचने में मदद मिलती है। स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और सभी उम्र के लोगों के लिए कल्याण को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास का लक्ष्य बनाया है, जिसे प्राप्त किया जाना चाहिए।''
रॉयल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ में पोषण विशेषज्ञ प्रोफेसर मैरी फ्यूट्रैल ने कहा, ''इस बात की पहचान करना बहुत जरूरी है कि बच्चों को मीठा स्वाद बेहद पसंद होता है लेकिन उनकी पसंद को मानना और विभिन्न फ्लेवरों और खाद्य उत्पादों को उनकी चाहत बनाना गलत है।''
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