आयुर्वेद में छिपा है एलोपेसिया एरीटा (बाल झड़ने) का इलाज, जानें इसका आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में एलोपेसिया अरेटा का इलाज कई तरह से किया जाता है। आइए जानते हैं कुछ असरदार उपचारों के बारे में-  
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आयुर्वेद में छिपा है एलोपेसिया एरीटा (बाल झड़ने) का इलाज, जानें इसका आयुर्वेदिक उपचार


एलोपेसिया अरेटा एक ऐसी समस्या है, जिसमें बाल काफी ज्यादा झड़ते हैं। यह एक तरह के ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बालों की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगते हैं। इस परेशानी की वजह से कई पुरुष गंजेपन के शिकार हो जाते हैं। एलोपेसिया अरेटा का इलाज कई तरह के किया जा सकता है। आयुर्वेद में भी एलोपेसिया अरेटा का इलाज है। आज हम आपको इस लेख में एलोपेसिया अरेटा का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं एलोपेसिया अरेटा का आयुर्वेदिक उपचार (ayurvedic treatment for alopecia areata ) क्या है? 

एलोपेसिया अरेटा का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक उपचार की मदद से बालों को गिरने से रोकने में मदद की जा सकती है। आइए जानते हैं कुछ असरदार तरीकों के बारे में-

पित्त को शांत करना

आयुर्वेद में किसी भी परेशानी को कम करने के लिए सबसे पहले पित्तदोष को कम करने की कोशिश की जाती है। पित्त को शांत करने के लिए आहार और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इन चिकित्सा के प्रभाव से शरीर में मौजूद विषाक्त प्रभाव को कम करने की कोशिश की जाती है। 

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पंचकर्म थेरेपी

एलोपेसिया अरेटा के प्रभाव को कम करने के लिए पंचकर्म थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी की मदद से शरीर में मौजूद विष को कम किया जाता है। इससे एलोपेसिया की परेशानी कम होती है। पंचकर्म चिकित्सा प्रणाली में विशिष्ट सुझाव शिरोधरा और क्षीर वस्थी का इस्तेमाल होता है। इस विधि से मल द्वारा शरीर की अशुद्धि को कम किया जाता है। 

नास्य थेरेपी

गंजेपन की परेशानी को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नास्य थेरेपी लेने की सलाह दे सकते हैं। इस थेरेपी की मदद से खालित्य (एलोपेसिया अरेटा) के लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। 

आयुर्वेदिक आहार

गंजापन या फिर एलोपेसिया अरेटा की समस्या को कम करने के लिए आयुर्वेद में आहार में बदलाव करने की भी सलाह दे सकते हैं। आयुर्वेदिक आहार से आप गंजेपन की परेशानी को दूर कर सकते हैं। इसमें कसैले गुणों के साथ खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है, जिसमें मसूर, पत्तेदार हरी सब्जियां और हर्बल चाय पीने के लिए कहा जा सकता है। इसके अलावा बादाम का तेल, तिल के बीज और सूरजमुखी के बीज इत्यादि बी खाने की सलाह दी जा सकती है। 

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ

आयुर्वेद में गंजेपन से ग्रसित लोगों को औषधीय का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा सकता है। इसमें भृंगराज, ब्राह्मी, नीम, रीठा, आंवला, अश्वगंधा जैसी  नीम, रीठा और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं। इन जड़ी-बूटियों की मदद से बालों के विकास को बेहतर किया जा सकता है। 

एलोपेसिया अरेटा की परेशानी को कम करने के लिए आयुर्वेद में कई तरह की उपचार पद्धति उपलब्ध है। अगर आप भी आयुर्वेदिक तरीकों से गंजेपन की समस्या दूर करना चाहते हैं तो इसके लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से संपर्क करें। 

 

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