छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी लोग अक्सर हॉस्पिटल ही भागते हैं। आयुर्वेद की मानें तो इन बीमारियों का इलाज देशी जड़ी-बूटियों से किया जा सकता है। इसके लिए आपको ज्यादा हाथ-पांव मारने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको कुछ ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं जिनके अनगिनत फायदे हैं। आइए जानते हैं इन 5 औषधियों के फायदों के बारे में...
2 आयुर्वेदिक हर्बल वॉटर, जो आपको अंदर से करे हील
अमरबेल वनौषधि
अमरबेल को पीसकर इसके लेप को खुजली वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है। दिन में तीन बार इसका काढ़ा शहद के साथ बराबर मात्रा में इस्तेमाल करने से रक्त विकार दूर होते हैं। लिवर की सिकुड़न को दूर करने में अमरबेल का काढ़ा 20-25 मिलीग्राम दिन में 2 बार कुछ हफ्तों तक पीना चाहिए। करीब 25 ग्राम अमरबेल को गाय के दूध से बनी छाछ के साथ पीसकर दिन में दो बार खाली पेट तीन दिन तक लेने से पीलिया रोग में आराम मिलता है। यह त्वचा, रक्त विकार और लिवर के रोगों में लाभदायक है।
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गिलोय
इम्यून सिस्टम मजबूत करती है। डेंगू व स्वाइन फ्लू जैसे मौसमी रोगों, डायबिटीज, घुटनों में दर्द, मोटापा और खुजली की समस्या में आराम पहुंचाती है। इसके तने का 4-5 इंच का टुकड़ा लेकर कूट लें और एक गिलास पानी में उबालें। पानी की मात्रा आधी रहने पर छानकर पीने से लाभ होगा।
ग्वारपाठा
जलने पर इसका इस्तेमाल जेल की तरह लगाने से छाले नहीं पड़ते। चेहरे पर इसका गूदा लगाने से मुंहासे दूर होते हैं। इसके गूदे में नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं। एक घंटे बाद सिर धोने से रूसी की समस्या दूर होकर बाल मजबूत होते हैं। यह त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं में लाभकारी होता है।
सतावरी
इसकी जड़ को काटकर कूट लें। जड़ के एक चम्मच रस को शहद के साथ लें। यह खून की कमी और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए उपयोगी है।
अडूसा
4-5 पत्तों को तुलसी के कुछ पत्तों, गिलोय के छोटे टुकड़े व लेमनग्रास के पत्तों के साथ कूटकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह मात्रा आधी रह जाए, तो छानकर सुबह-शाम पिएं। यह खांसी-जुकाम दूर करने की अचूक दवा है।