बारिश में पत्ते वाली सब्जियों से रहें दूर, फैल सकता है टेपवर्म संक्रमण

गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में एक 8 साल की बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया, जिसे सिरदर्द और मिर्गी की शिकायत थी। डॉक्टर्स का कहना है कि उस बच्ची के शरीर में 100 से भी ज्यादा टेपवर्म के अंडे पाए गए।
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बारिश में पत्ते वाली सब्जियों से रहें दूर, फैल सकता है टेपवर्म संक्रमण

बारिश के मौसम में वायरस और बैक्टीरिया काफी एक्टिव हो जाते हैं। इस मौसम में पानी, हवा और मिट्टी सभी दूषित हो जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां खाना वैसे तो बहुत फायदेमंद होता है मगर इस मौसम में इन्हें खाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। हाल में ही गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में एक 8 साल की बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया, जिसे सिरदर्द और मिर्गी की शिकायत थी। डॉक्टर्स का कहना है कि उस बच्ची के शरीर में 100 से भी ज्यादा टेपवर्म के अंडे पाए गए। टेपवर्म एक तरह का संक्रमणकारी कीड़ा होता है, जो पत्तेदार सब्जियों और दूषित पानी में पाया जाता है। बारिश के मौसम में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

क्या है गुड़गांव का मामला

गुड़गांव स्थित फोर्टिस हॉस्पटल में पिछले दिनों एक बच्ची बेहोशी की हालत में भर्ती की गई, जिसे अक्सर सिरदर्द की शिकायत रहती थी। दिमाग का सीटी स्कैन करने पर डॉकटर्स ने पाया कि बच्ची के दिमाग में छोटे-छोटे 100 से भी ज्यादा सिस्ट हैं। जांच करने पर पता चला कि ये टेपवर्म पैरासाइट के अंडे हैं। टेपवर्म बच्ची के शरीर में पत्तागोभी खाने के कारण पहुंचा था और धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच गया था। इसके कारण बच्ची के दिमाग की नसों में सूजन आ गई थी, जिसके कारण उसे अक्सर सिरदर्द रहने लगा और सूजन बढ़ने पर वो बेहोश हो गई थी।

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क्या है टेपवर्म

टेपवर्म एक तरह के पैरासाइट होते हैं, जो दूषित पानी और बरसात में फलों और सब्जियों के कारण फैलते हैं। ये वायरस अपने पोषण के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर होते हैं इसलिए जानवरों और इंसानों को अपना शिकार बनाते हैं। टेपवर्म की 5000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। सब्जियों के अलावा इंसानों में टेपवर्म का संक्रमण संक्रमित जीव का मांस खाने से भी फैल सकता है। आमतौर पर अधपकी सब्जियों और मीट के कारण इस रोग के फैलने की आशंका ज्यादा होती है।

कितना खतरनाक है टेपवर्म

टेपवर्म खतरनाक है क्योंकि ये इंसान के शरीर में न सिर्फ जीवित रह सकते हैं बल्कि प्रजनन भी कर सकते हैं। टेपवर्म एक बार शरीर में पहुंच जाएं तो ये तेजी से बढ़ते हैं और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचककर नुकसान पहुंचाते हैं। गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में जिस बच्ची को भर्ती के कराया गया था, उसके दिमाग में 100 से भी ज्यादा टेपवर्म के अंडे मिले थे। दिमाग में पहुंचकर ये अंडे नसों में सूजन पैदा कर देते हैं, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और उसे मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। टेपवर्म आमतौर पर जानलेवा नहीं होते हैं मगर ये दिमाग के कई हिस्सों को गहरी तरह प्रभावित कर सकते हैं, जो नजरअंदाज करने पर खतरनाक हो सकते हैं।

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कैसे फैलता है टेपवर्म

इंसानों में टेपवर्म का संक्रमण फैलने का कारण खाने-पीने की चीजें ही हैं। आमतौर पर टेपवर्म वायरस इन चीजों से फैलता है-

  • पत्तेदार सब्जियां खासकर पत्तागोभी और पालक इसलिए इन्हें बनाने से पहले अच्छी तरह धोएं और पकाकर ही खाएं।
  • चाउमीन, बर्गर और अन्य ऐसे फूड्स जिनमें कच्ची सब्जियों खासकर पत्तागोभी का प्रयोग हो, उन्हें न खाएं।
  • दूषित पानी को पीने से टेपवर्म के संक्रमण का खतरा।
  • गंदे पानी और गंदी जगहों पर उगाई गई सब्जियां और फल।

टेपवर्म संक्रमण के लक्षण

टेपवर्म जब शरीर में पहुंचते हैं, तो लक्षण जाहिर होने में कुछ समय लग सकता है। आमतौर पर टेपवर्म आंतों को पहला शिकार बनाते हैं इसलिए पेट दर्द, डायरिया, कमजोरी, उल्टी आदि की समस्या हो सकती है। लगातार प्रजनन से अगर टेपवर्म के अंडे शरीर में ज्यादा फैल जाएं, तो सिरदर्द, चक्कर आना, बेहोशी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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