एंटीबायोटिक एक ऐसी दवा है जिस से शरीर में पनप रहे बैक्टीरियल इन्फेक्शन और इनकी पैदावार को खत्म करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कुछ एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल फंगस और प्रोटोज़ोआ की रोकथाम के लिए भी किया जाता है। लेकिन, हर इंसान के लिए यह सहायक ही रहेगा ऐसा जरुरी नहीं। एंटीबायोटिक्स के जहां कई फायदे हैं वहीं इसके कई नुकसान भी हैं। जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसे लेने पर भी शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
श्री बाला जी हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट डॉ अरविन्द अग्रवाल के मुताबिक, एंटीबायोटिक्स का प्रयोग कभी भी वायरस संक्रमण में लाभकारी नहीं होता क्योंकि इसमें वायरस को मिटाने की क्षमता नहीं होती। हालांकि कई डॉक्टर फ्लू या नज़ला-जुकाम के दौरान एंटीबायोटिक लेने की सलाह देते है जो की फायदा देने की बजाये नुकसानदायक हो सकता है।
एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होने वाली बीमारियों में कारगर है जिसमें- निमोनिया, टाइफाइड, यूरिन इन्फेक्शन, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन, पेट का इन्फेक्शन, आदि शामिल है।
एंटीबायोटिक्स के प्रकार
एंटीबायोटिक्स के कई प्रकार होते है, मगर इसके मुख्यत: 6 ग्रुप्स होते हैं।
टॉप स्टोरीज़
- पेनिसिलिन जैसे की अमोक्सिसिल्लिन और फ्लूक्लोक्सासिल्लिन
- सेफालोस्पोरिन्स जैसे की सेफलेक्सिन और सेफिक्ज़ाइम
- एमिनोग्लीकोसाइड्स जैसे की जेंटामाइसिन
- टेट्रासाइक्लिन जैसे की टेट्रासाइक्लिन
- मैक्रोलाइड्स जैसे की इरिथ्रोमाइसिन और एज़िथ्रोमाइसिन
- फ्लुओरोक़ुइनोलोनेस/क्विनोलोंस जैसे की सिप्रोफ्लोक्सासिन और नॉरफ्लोक्सासिन
एंटीबायोटिक्स लेने के तरीके
- ओरल (मौखिक रूप से लेना): टेबलेट्स, कैप्सूल्स और किसी लिक्विड(सीरप)
- टोपिकल (एक्सटर्नल): क्रीम्स, लोशन्स, स्प्रे और ड्रॉप्स
- इंजेक्शन्स: इंजेक्शन जो की मांसपेशियों में एंटीबायोटिक्स को पहुचता है या ड्रिप जिस से सीधे खून में एंटीबायोटिक्स को पहुचाया जाता है
एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट्स
एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की स्थिति में कारगर है पर इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट भी है जो जैसे की
- डायरिया या लूज़ मोशन
- पेट में दर्द होना
- एंटीबायोटिक्स लेने पर उलटी होना या जी मचलना
- पेट में मरोड़ उठना
एलर्जिक रिएक्शन होना जैसे की दम घुटना, सास लेने में कठिनाई होना, शरीर पर राश पद जाना ,होठो पर, चेहरे या जीभ पर सूजन आना, चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना।
- वैजिनल इचिंग या वैजिनल डिस्चार्ज
- जीभ पर सफ़ेद निशान पड़ जाना
This week is World Antibiotic Awareness Week!
The rise of #AntibioticResistance is a global threat.
It can affect anyone,
of any age,
in any country
��������♀️����������������������♂️��������������
Proper use of antibiotics is key to #StopDrugResistance.
The future of #antibiotics depends on all of us. pic.twitter.com/hwxwGur0Hy — World Health Organization (WHO) (@WHO) November 17, 2019
एंटीबायोटिक्स को लेने की कुछ जरूरी टिप्स
- एंटीबायोटिक्स कभी भी डॉक्टर की सलाह के बगैर न ले, हर बीमारी के लिए अगल प्रकार की एंटीबायोटिक्स होती है जो की डॉक्टर की सलाह से ही बेहतर जाना जा सकता है।
- जितनी मात्रा में और जिस समय पर डॉक्टर बताये उसी मात्रा में एंटीबायोटिक ले, बताई गयी मात्रा से ज्यादा नुकसानदेय साबित हो सकता है।
- डॉक्टर जितने समय के लिए एंटीबायोटिक कोर्स करने की सलाह दे, उसे आवश्य पूरा करे, तबियत ठीक लगने पर बीच में ही इसका कोर्स अधूरा न छोड़े।
- हर इंसान की शरीर के मुताबिक़ अलग एंटीबायोटिक लाभ देती है, इसीलिए घर में किसी को भी अगर सामान्य बिमारी है तो यह आवश्यक नहीं की वही दवा आपको भी वाही लाभ दे।
- हर दवा के फायदे के साथ कई नुकसान भी है इसी प्रकार एंटीबायोटिक्स के भी कई साइड इफ़ेक्ट होते है। तभी डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
एंटीबायोटिक्स को ले कर कुछ भ्रांतियां (मिथ्स)
1. ऐंटिबिओरिस किसी भी इन्फेक्शन को जड़ से खत्म कर सकता है?
सच यह है की एंटीबायोटिक काफी हद्द तक और काफी इन्फेक्शंस को कम करने में मददगार जरूर होता है परन्तु कुछ बैक्टीरिया एक तरीके की इम्युनिटी पैदा कर लेते है और एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट हो जाते है जिस से वो एंटीबायोटिक का असर उन पर नहीं पड़ पाता है।
2. एंटीबायोटिक्स से किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता?
सच यह है की एंटीबायोटिक्स के अधिक प्रयोग से शरीर को नुक्सान पहुचता है और साथ ही बीमारी को खत्म करने की बजाए यह उसे और ज्यादा बड़ा बना देता है।
3. एंटीबायोटिक्स सर्दी ज़ुकाम और फ्लू के लिए कारगर दवा है?
सच यह है की एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरियल इन्फेक्शंस के दौरान ही शरीर को लाभ देता है और किसी भी वायरस संक्रमण से हुई बीमारी में यह उपयोगी नहीं है।
नोट: यह लेख डॉ अरविन्द अग्रवाल, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, श्री बालाजी, एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली द्वारा बातचीत पर आधारित है।
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