कैंसर मुक्‍त होने के बाद एक्‍वा थेरेपी ले रही हैं सोनाली बेंद्रे, जानें क्‍या है ये थेरेपी और इसके फायदे

एक्‍वा थेरेपी पानी में की जाने वाली एक चिकित्‍सा पद्धति है, जिसे करने से शरीर की मांसप‍ेशियां मजबूत होती हैं। एक्‍वा थेरेपी गठिया, बैक पेन, ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑटिज्‍म जैसी बीमारियों में फायदेमंद है।
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कैंसर मुक्‍त होने के बाद एक्‍वा थेरेपी ले रही हैं सोनाली बेंद्रे, जानें क्‍या है ये थेरेपी और इसके फायदे


हिंदी फिल्‍मों की मशहूर अदाकारा सोनाली बेंद्रे कैंसर का इलाज कराने के बाद इन दिनों अपनी फिटनेस पर खासा ध्‍यान दे रही हैं। कैंसर का पता चलने के बाद साल 2018 में इलाज के लिए वह न्‍यूयॉर्क चली गई थी। अब वह कैंसर से पूरी तरह से मुक्‍त हो गई हैं। सोनाली ने अपने इंस्‍टाग्राम पेज पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह एक्वेटिक थेरेपी या एक्‍वा थेरेपी लेते हुए दिखाई दे रही हैं। साथ ही उन्‍होंने लिखा है कि "यह उतना आसान नहीं है जितना दिखता है। मेरे नए एक्वा थेरेपी को करना कठिन हैं, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में ऐसा करना निश्चित रूप से आसान है" 

इस एक्‍वा थेरेपी के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा। लेकिन इसके फायदे कई हैं। इस थरेपी के माध्‍यम से कई पुराने रोगों का इलाज किया जाता है। इसके अलावा एक्‍वा थेरेपी शरीर की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। यहां हम आपको एक्वेटिक थेरेपी या एक्‍वा थेरेपी के बारे में विस्‍तार से बता रहे हैं। 

एक्वेटिक थेरेपी क्‍या है (What is Aquatic Therapy) 

पानी के अंदर की जाने वाली एक तरह की एक्‍सरसाइज को एक्वेटिक थेरेपी कहते हैं। यह चिकित्सा का एक लाभदायक रूप है जो विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के लिए उपयोगी है। एक्वेटिक थेरेपी में पानी के भौतिक गुणों का उपयोग किया जाता है, जिससे रोगी को ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभ मिल सके। एक्वेटिक थेरेपी एक फिजिकल थेरेपी है जो किसी प्रशिक्षित पेशवर की देखरेख में पूल या किसी अक्‍वेटिक इनवायरमेंट में किया जाता है। एक्वेटिक थेरेपी को वाटर थेरेपी, एक्‍वा थेरेपी, पूल थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, एक्वेटिक रीहबिलटैशन, थेरप्यूटिक अक्‍वेटिक एक्‍सरसाइज के रूप में जाना जाता है। 

एक्‍वेटिक थेरेपी के लक्ष्‍य क्‍या हैं

संयुक्त राज्य अमेरिका में, जो लोग एक्वेटिक थेरेपी करते हैं उन्‍हें कानूनी रूप से मान्‍यता प्राप्‍त है, बिना मान्‍यता के अमेरिका में कोई भी पेशेवर इसे नहीं कर सकता है। एक्वेटिक थेरेपी को फिजिकल थेरेपिस्‍ट और एथलेटिक ट्रेनर के के लिए एक अतिरिक्‍त सर्टिफिकेशन माना जाता है। जो प्राय: आपस में मिलकर बहुत नजदीक से काम करते हैं। एक्वेटिक थेरेपी निम्‍नलिखित मुद्दों पर केंद्रित होती है। 

  • शरीर के लचीलेपन में सुधार होना  
  • शरीर का बैलेंस बनाए रखना   
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना  
  • एरोबिक क्षमता को बढ़ाना
  • चाल और गति को बढ़ाने में सहायता करना
  • तनाव कम करना और आराम को बढ़ावा देना 

एक्‍वेटिक थेरेपी के फायदे क्‍या हैं

एक्वेटिक थेरेपी का एक प्रमुख लाभ यह है कि इसमें हल्‍कापन महसूस होता है। पानी में रहने पर, रोगी के वजन को हल्‍का रखता है। इससे जोड़ों पर तनाव कम हो जाता है। एक्वेटिक थेरेपी विशेष रूप से गठिया के रोगियों के लिए उपयोगी है, अस्थिभंग को ठीक करता है। सम्‍पूर्ण तनाव के स्‍तर को कम कर दर्द को कम करता है। गर्म पानी जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए एक आरामदायक वातावरण प्रदान करता है।

हाइड्रास्टाटिक प्रेशर लोगों को बिना डर के एक्सरसाइज करने के लिए संतुलन प्रदान करता है, दर्द को कम करता है और दिल संबंधी गतिविधियों में सुधार करता है। हलचल और लहर प्रसार के जरिए थेरेप्सिट धीरे-धीरे क्लाइंट को ये एक्सरसाइज कराते हैं। सांस संबंधी मांसपेशियों को पानी में कार्य करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती हैं, जिससे वह प्राकृतिक रूप से मजबूत होती हैं। एक्सरसाइज सत्र के समाप्त होने के बाद क्लाइंट को उसका फायदा साफ तौर पर नजर आता है।  

 

 

 

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Warning: This isn't as easy as it looks. My new aqua therapy training sessions are tough but definitely easier than doing this in normal conditions. #MyNewNormal involves looking for solutions and not creating excuses... finding what works for me. #KDAH P.S. Thank God I didn't drop my phone! ��

A post shared by Sonali Bendre (@iamsonalibendre) onJun 10, 2019 at 5:43am PDT

कुछ स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियां हैं, जिसमें एक्‍वेटिक थेरेपी बहुत फायदेमंद है:

एक्वेटिक थैरेपी गठिया, आर्थोस्कोपिक सर्जरी रिकवरी, ऑटिज्‍म, संतुलन संबंधी विकार (Balance Disorder), बर्साइटिस, सेरेब्रल पाल्‍सी, पुराना दर्द, डिप्रेशन, इडियोपैथिक ज्‍वाइंट पेन, ज्‍वाइंट सर्जरी के पुनर्निर्माण, ज्‍वाइंट रिप्‍लेसमेंट सर्जरी की रिकवरी, लोअर बैक पेन, ऑस्टियोआर्थराइटिस, आर्थोपेडिक चोटें, पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रूमेटॉइड अर्थराइटिस, रीढ़ का एक ओर का टेढ़ापन, तनाव, रीढ़ की हड्डी में चोट, मोच और खिंचाव, स्‍ट्रोक, मस्तिष्क की चोट आदि स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियों में एक्‍वा थेरेपी फायदेमंद हो सकती है। 

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इसके अलावा कुछ स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियां ऐसी भी हैं जिनमें एक्‍वेटिक थेरेपी का सहारा नहीं लेना चाहिए जोकि निम्‍नलिखित है: 

तेज बुखार, खुले घाव, अनियंत्रित दौरा विकार, सीओपीडी या अन्य समान श्वसन संबंधी समस्याएं, गर्भावस्‍था, क्लोरीन या ब्रोमीन एलर्जी, पानी को लेकर गंभीर भय और हेपेटाइटिस ए में इसे नहीं करना चाहिए। 

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