नौली क्रिया योग की षट्कर्म क्रियाओं में एक महत्वपूर्ण आसन है, जो पेट और आंतों की सफाई के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
नौली क्रिया
आपने अक्सर योग गुरु बाबा रामदेव को भी नौली क्रिया करते देखा होगा। यह क्रिया पेट की सफाई और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार मानी जाती है।
पेट की मांसपेशियां होंगी मजबूत
नौली क्रिया को नियमित रूप से करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन तंत्र बेहतर काम करता है।
आंतरिक अंग स्वस्थ रहना
नौली क्रिया से लिवर, प्लीहा, मूत्राशय और आंतों जैसे आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं, जिससे शरीर की अंदर से सफाई होती है।
पीरियड्स में आराम
नौली क्रिया विशेष रूप से महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार साबित हो सकती है।
नौली क्रिया कैसे करें?
नौली क्रिया हमेशा खाली पेट करना चाहिए। इसे करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है, जब पेट पूरी तरह से साफ हो।
नौली क्रिया करने का तरीका
नौली क्रिया में पेट को बाएं और दाएं तरफ घुमाने से आंतों की गति में सुधार होता है और पाचन क्षमता बढ़ती है।
मानसिक शांति
नौली क्रिया के अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।
नौली क्रिया कब न करें?
गर्भावस्था, मासिक धर्म के दौरान और कुछ अन्य स्थितियों में इस क्रिया का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
नौली क्रिया किन समस्याओं में न करें?
नौली क्रिया के अभ्यास से पेट की सर्जरी, अल्सर या पथरी जैसी समस्याओं वाले व्यक्तियों को नुकसान हो सकता है।
नौली क्रिया का अभ्यास शुरू करने से पहले किसी योग शिक्षक से सही दिशा-निर्देश लेना बहुत जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com