यूरिक एसिड बढ़ने पर लोग घबराते हैं, लेकिन उसका बहुत कम होना यानी लो यूरिक एसिड भी सेहत के लिए उतना ही खतरनाक है। इससे शरीर में कई गंभीर बीमारियां जन्म ले सकती हैं। तो आइए डॉक्टर अतुल अग्निहोत्री से जानते हैं कि यूरिक एसिड घटने पर शरीर पर क्या असर पड़ता है।
क्या होता है यूरिक एसिड?
यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है। यह एक वेस्ट प्रोडक्ट है, जिसे किडनी द्वारा बाहर निकाला जाता है। इसका संतुलन स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
लो यूरिक एसिड से किडनी रोग
जब यूरिक एसिड का स्तर 3 mg/dL से नीचे चला जाता है, तो इससे किडनी फंक्शन कमजोर होने लगता है। पेशाब में गड़बड़ी, संक्रमण और ब्लड फिल्ट्रेशन में रुकावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गाउट की समस्या हो सकती है
गाउट सिर्फ हाई यूरिक एसिड से नहीं, लो यूरिक एसिड से भी हो सकता है। इसमें जोड़ों में दर्द, सूजन और जलन जैसी शिकायतें होती हैं, खासकर पैरों के अंगूठे में।
ब्लैडर से जुड़ी दिक्कतें
कम यूरिक एसिड से यूरिनरी ब्लैडर का कार्य प्रभावित होता है। इससे बार-बार पेशाब लगना, जलन और ब्लैडर में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
गुर्दे में पथरी बनने का खतरा
यूरिक एसिड का स्तर संतुलित न हो तो यह किडनी में क्रिस्टल जमा कर सकता है। इससे पथरी बनने लगती है, जो तेज दर्द, उल्टी और पेशाब में खून जैसी समस्या पैदा करती है।
हाथ-पैरों में सूजन
लो यूरिक एसिड से शरीर में सूजन और जकड़न हो सकती है, खासकर जोड़ों में। इससे चलने, उठने और भारी चीजें उठाने में तकलीफ होती है। सूजन धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
लो यूरिक एसिड के अन्य लक्षण
कम भूख, थकावट, हड्डियों में कमजोरी, डिप्रेशन, बोलने में कठिनाई, डिहाइड्रेशन और शरीर में कंपन जैसे लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्वास्थ्य और ज्यादा बिगड़ सकता है।
यूरिक एसिड को जरूरत से ज्यादा न बढ़ाएं और न ही बहुत कम करें। डॉक्टर की सलाह से ही डाइट व दवाएं लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com