तनाव में लोगों को मीठा खाने की इच्छा क्यों होती है?

By Aditya Bharat
14 Jul 2025, 15:30 IST

जब भी हम चिंता या स्ट्रेस में होते हैं, अचानक चॉकलेट या मिठाई खाने की तीव्र इच्छा महसूस होती है। ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे दिमाग और हार्मोन का गहरा रिश्ता है। आइए PubMed की रिपोर्ट से समझते हैं इसके पीछे की वजह।

मीठा खाने का मन

जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है। यह हार्मोन शरीर को सतर्क करता है और ज्यादा ऊर्जा मांगता है। ऐसे में दिमाग जल्दी एनर्जी पाने के लिए मीठे की तरफ हमें ले जाता है।

मीठा दिमाग को आराम देता है

मीठा खाने से तुरंत ग्लूकोज मिलती है, जिससे दिमाग को आराम महसूस होता है। इसके साथ ही डोपामिन नाम का एक रसायन निकलता है, जो हमें थोड़ी देर के लिए खुश और शांत बनाता है।

बचपन की आदतें

अक्सर जब हम छोटे होते हैं, तो हमें मीठा खिलाकर चुप कराया जाता है या खुश किया जाता है। यही आदत तनाव के समय में फिर से उभर आती है और हम उसी मीठे आराम की तलाश करते हैं।

मीठा और मूड का रिश्ता

मीठे पदार्थ सेरोटोनिन नामक हार्मोन को बढ़ाते हैं, जो मूड को बेहतर बनाता है। जब मन भारी होता है या तनाव ज्यादा होता है, तो शरीर खुद ही सेरोटोनिन को बढ़ाने के लिए मीठे की मांग करता है।

क्या ये आदत खतरनाक है?

अगर हर बार तनाव में मीठा खाया जाए तो धीरे-धीरे यह आदत बन जाती है। इससे वजन बढ़ता है और ब्लड शुगर असंतुलित हो सकता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

महिलाओं में मीठे की क्रेविंग

शोध बताते हैं कि महिलाओं में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण तनाव के दौरान मीठा खाने की इच्छा ज्यादा बढ़ जाती है। यह विशेष रूप से पीरियड्स या प्रेगनेंसी के समय ज्यादा देखने को मिलता है।

मीठा न खाएं

अगर मीठा खाने का मन हो रहा है, तो एक गहरी सांस लें, थोड़ा टहलें या किसी से बात करें। योग, ध्यान और भरपूर नींद तनाव को कम कर सकते हैं। फलों या हेल्दी ड्राई फ्रूट्स से भी मन को तृप्त किया जा सकता है।

तनाव में मीठा खाना हमें तात्कालिक राहत देता है, लेकिन इसका असर अल्पकालिक होता है। सही जानकारी और जागरूकता से हम इस आदत को संतुलित रख सकते हैं और शरीर व मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com