क्या आप उनमें से एक हैं जो भूख लगने पर तुरंत कुछ न कुछ खा लेते हैं? आगर हां, तो ऐसा करने से बचना चाहिए। आइए NIH की सट्डी से जानते हैं इसका कारण।
भूख लगना एक जरूरी संकेत है
शरीर हमें भूख के जरिए बताता है कि उसे ऊर्जा की जरूरत है। लेकिन हर भूख असली नहीं होती। कई बार यह सिर्फ आदत या दिमागी ट्रिगर होता है।
क्या हर बार की भूख असली होती है?
नहीं। रिसर्च बताती हैं कि कई बार हम बोरियत, स्ट्रेस या सिर्फ समय देखकर भी खाने लगते हैं। इसे
मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा सकता है
अगर आप बार-बार खाते हैं, तो पाचन तंत्र को ठीक से काम करने का समय नहीं मिलता। इससे वजन बढ़ सकता है और इंसुलिन लेवल गड़बड़ाने लगता है।
वजन बढ़ने का खतरा
स्टडी के अनुसार, जरूरत से ज्यादा बार खाना फैट स्टोरिंग हार्मोन (इंसुलिन) को एक्टिव कर देता है। इससे वजन बढ़ सकता है।
हर भूख खाने की मांग नहीं करती
कई बार सिर्फ पानी की कमी, नींद की कमी या थकान भी भूख जैसा महसूस करवा सकती है। ऐसे में खाना नहीं, आराम या हाइड्रेशन चाहिए होता है।
पेट की नहीं, दिमाग की भूख होती है
Emotional eating में हमें खाना असली भूख की वजह से नहीं, बल्कि आदत, मूड या सोशल माहौल की वजह से चाहिए लगता है। इससे ओवरईटिंग होती है।
सही टाइम पर खाना क्यों जरूरी है?
रिसर्च कहती हैं कि अगर आप तय समय पर, संतुलित मात्रा में खाना खाते हैं तो यह शरीर के मेटाबॉलिज्म और वजन को सही रखता है।
हर बार भूख लगे तो थोड़ा पानी पिएं, वॉक करें या कुछ समय रुकें। अगर फिर भी भूख शांत न हो तो कुछ हल्का खा सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com