सोरायसिस एक पुरानी स्किन की बीमारी है, जिसमें स्किन पर लाल और पपड़ीदार दाग बनने लगते हैं। यह दिक्कत तब होती है जब स्किन की सेल्स बहुत जल्दी बढ़ने लगती हैं। इससे स्किन की अपर लेयर मोटी, खुजलीदार और पपड़ी वाली होने लगती है। इसे कुछ तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है और स्किन को हेल्दी बनाए रखा जा सकता है। आइए मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एपी सिंह जी से जानें।
सोरायसिस क्यों होता है?
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से हेल्दी स्किन सेल्स पर हमला करने लगता है। इसके अलावा ये स्ट्रेस, मौसम में बदलाव और दवा के साइड इफेक्ट्स से बढ़ सकती है।
सोरायसिस के लक्षण
सोरायसिस में स्किन पर रेड चकत्ते, वाइट या सिल्वर पपड़ी, खुजली, सूजन और जलन हो सकती है। कुछ मामलों में नाखून भी मोटे और कमजोर हो सकते हैं, साथ ही जोड़ों का दर्द भी हो सकता है।
क्या सोरायसिस छूने से फैलता है?
नहीं, सोरायसिस कोई इंफेक्शन नहीं है, यह एक जेनेटिक और इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारी है। यह छूने या साथ बैठने से नहीं बढ़ती हैं।
खानपान से सोरायसिस को कंट्रोल
सोरायसिस को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है। ज्यादा तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड और मीठा खाने से बचें। इसके बदले हाई फाइबर खाना खाएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
त्वचा की देखभाल कैसे करें?
स्किन को हेल्दी रखने के लिए रोजाना मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं। स्किन पर केमिकल्स के बजाए नेचुरल स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
स्किन पर धूप और मौसम का असर
सोरायसिस ठंडे और ड्राई मौसम में बढ़ सकता है। इसलिए स्किन को मॉइस्चराइज रखना बहुत जरूरी है। हल्की धूप लेना फायदेमंद होता है, इससे विटामिन डी मिलता है जो स्किन सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करता है।
सोरायसिस मेंटल स्ट्रेस से
स्ट्रेस लेने से सोरायसिस बढ़ सकता है, इसलिए ध्यान, योग और मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे मेंटल हेल्थ अच्छी होगी और सोरायसिस की दिक्कत को कंट्रोल करने में मदद होगी।
सोरायसिस के लक्षण बार-बार दिखें तो तुरंत किसी डॉक्टर से जांच करवाएं। सही दवा और इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com