कैंसर का ही एक रुप है ब्लड कैंसर, जो रक्त, अस्थि मज्जा व लसीका प्रणाली ( लिंफेटिक सिस्टम) में होता है। ब्लड कैंसर तीन तरह का होता है ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मल्टीपल मायलोमा। इन सभी प्रकारों के अलग-अलग लक्षण होते हैं और यह रोगी की हालत पर भी निर्भर करता है। 20 वीं शताब्दी के बाद से कैंसर के इलाज की एडवांस तकनीक के चलते इसका इलाज अब संभव है। अगर ब्लड कैंसर का पता शुरुआती अवस्था में चल जाए तो रोगी पूरी तरह से ठीक हो सकता है
ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर
ल्यूकेमिया होने पर कैंसर के सेल्स शरीर के रक्त बनाने की प्रक्रिया में दखल देने लगते हैं। ल्यूकेमिया रक्त के साथ-साथ अस्थि मज्जा पर भी हमला करता है। इसकी वजह से रोगी को चक्कर आना, खून की कमी होना, कमजोरी होना और हड्डियों में दर्द होने की समस्या होती है। ल्यूकेमिया होने का पता रक्त की जांच से चलता है जिसमें विशिष्ट प्रकार के रक्त कोशिकाओं को गिना जाता है। ल्यूकेमिया के इलाज के लिए रेडिएशन व किमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है कुछ मामलों में अगर जरुरी हो तो अस्थि मज्जा (बोन मेरो) का ट्रासंप्लांट भी किया जा सकता है।
लिंफोमाज ब्लड कैंसर
लिंफोमाज ब्लड कैंसर एक प्रकार के सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित कर लिम्फोसाइट्स में होता है। लिंफोमाज ब्लड कैंसर के लक्षण ट्यूमर की जगह व आकार पर निर्भर करते हैं। इसकी शुरुआत गर्दन में, भुजाओं के नीचे व पेट व जांघो के बीच वाले भाग में सूजन से होती है। इसका ईलाज रेडिएशन व की मोथेरपी के जरिए किया जाता है।
मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर
मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर के शिकार ज्यादातर बुजुर्ग लोग होते हैं। इसमें सफेद रक्त कोशिकाओं के एक प्रकार प्लाजमा प्रभावित होते हैं। इसके इलाज के लिए रेडिएशन, किमोथेरेपी व अन्य दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
लक्षण
- हड्डियो व जोड़ों में दर्द।
- सामान्य रक्त स्राव। आंतो व ग्रंथियों का आकार बढ़ना।
- चक्कर आना। बुखार आना व ठंड लगना। बार बार संक्रमण होना। मितली आना।
- रात को पसीना आना। वजन कम होना।
- पेट में दर्द विशेष रुप से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
कारण
प्रतिरोधक क्षमता
अगर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो आपको ब्लड कैंसर हो सकता है।
संक्रमण
किसी विशेष प्रकार के संक्रमण से ग्रसित होने पर ब्लड कैंसर होने की संभावना हो सकती है।
रेडिएशन थेरेपी
किसी अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेडिएशन थेरेपी की हाई डोज से ब्लड कैंसर हो सकता है।
एचआईवी व एड्स
एचआईवी व एड्स जैसे संक्रमण होने से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है जिससे ब्लड कैंसर का खतरा हो सकता है।
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