
डेंगू और चिकनगुनिया के बाद राजधानी मलेरियाग्रस्त हुई। पांच साल बाद दिल्ली में मलेरिया मृत्यु का कारण बना है।
राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया के बाद मलेरिया ने कहर बरपा दिया है। मलेरिया का ये मामला पांच साल बाद दिल्ली में देखने को मिला है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में पड़ोसी देश श्रीलंका को मलेरिया मुक्त घोषित किया है। ये देश की विडंबना ही है कि जहां पड़ोसी देश मलेरिया मुक्त घोषित हुआ है, वहीं भारत की राजधानी में मलेरिया ने दो लोगों की जान ले ली है।
दिल्ली में तीन महीनों में मलेरिया से हुई है दूसरी मौत है। सेरेब्रल मलेरिया से पीड़ित पूर्वी दिल्ली के 30 वर्षीय प्रवीण की मौत हो गई। वे चंदन विहार में रहते थे। चार अगस्त को वे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हुए थे और बीते मंगलवार को उनकी मौत हो गई। इससे पहले जुलाई में भी शाहदरा में एक 62 वर्षीय व्यक्ति चरण की मलेरिया से मौत हो गई थी।
पांच वर्ष बाद मलेरिया ने ली है जान
दिल्ली में पांच साल बाद मलेरिया का कहर लौटा है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले पांच वर्षों में इस वेक्टर जनित बीमारी से होने वाली संभवत: यह दूसरी मौत है। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एके राय ने कहा, ‘उसे काफी गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था और वह पहले से सेरेब्रल मलेरिया से पीड़ित था। कई अंगों के काम करना बंद कर देने और अन्य समस्याओं के चलते उसकी मौत हो गई।’
इस साल में अब तक मिले मलेरिया के 19 मामले
इस साल अब तक दिल्ली में मलेरिया के 19 मामले मिल चुके हैं। इसके अलावा डेंगू के 771 मामले और चिकनगुनिया के 560 मामले चुके हैं।
वर्ष मलेरिया पीड़ित
2011 139
2012 162
2013 81
2014 31
2015 32
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