
पेट हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर का संचालन करता है। यदि पेट में कोई दिक्कत होती है तो इसका मतलब यह है कि आपके पूरे शरीर में दिक्कत है। खराब और दूषित खानपान व अनजाने में कच्चा खाना खाने से हमारे पेट में दर्द हो जाता है। जो लोग फास्ट फूड खाने के आदि होते हैं उन्हें पेट दर्द की ज्यादा समस्या होती है। कई बार संक्रमण के चलते भी पेट दर्द होता है। ये कुछ ऐसी बातें हैं जो अक्सर पेट दर्द के लिए जिम्मेदार होती हैं। पेट दर्द कई तरह का होता है। आज हम आपको पेट दर्द होने के वैज्ञानिक कारण व उनक इलाज के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये—
पेट में दर्द होने के वैज्ञानिक कारण
पेट में ऊपर में दर्द
पेट में ऊपर की तरफ दर्द सामान्यतः गैस्ट्राइटिस, लिवर में खराबी, आमाशय में छेद होने होने के कारण होता है। इसके अलावा पेट में दर्द होने के पीछे एसोफेगिटिस नामक रोग भी जिम्मेदार होता है। पित्त की थैली में पथरी होने पर आमतौर पर पेट के दाएं तरफ दर्द होता है।
पेट के बीचोबीच दर्द
पेट के बीचोबीच दर्द का कारण अक्सर पैन्क्रियाज की खराबी के कारण होता है। पेट के निचले भाग में दर्द एपेन्डिसाइटिस, मूत्राशय में पथरी या संक्रमण के कारण होता है। लेकिन महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय में किसी तरह की खराबी, फाइब्रायड, एंड्रीयोमेट्रीयोसिस, माहवारी या कोई अन्य बीमारी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है।
पेट के एक तरफ दर्द
पेट के एक तरफ दर्द का कारण गुर्दे में पथरी या गुर्दे की अन्य कोई बीमारी हो सकती है। एसीडिटी या अल्सर की शिकायत होने पर पेट के बीचोबीच अधिक दर्द होता है। यह दर्द भले ही सुनने में बहुत मामूली लगता है लेकिन इसकी पीड़ा बहुत खतरनाक होती है।
पूरे पेट में दर्द होना
यदि आंतों में सूजन होती है तो लगभग पूरे पेट में ही दर्द होता है। इन बीमारियों या दर्द के चलते यदि पेट दर्द का इलाज सही समय पर न करवाया जाए तो यही बीमारियां स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बन सकती हैं। पेट दर्द के लिए अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, एक्सरे, सीटी स्कैन और रक्त की जांच कराई जाती हैं जिससे सही समय पर सही इलाज दिया जा सकें।
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इन गलतियों को करने से बचें
- फूलगोभी, बीन्स और साबुत अनाज वाले खाद्य-पदार्थ पेट में एसिडिटी का कारण बनते हैं। पेट में गैस न बने इसके लिए एसिडिटी बनाने वाले खाद्य-पदार्थों को खाने से बचें।
- अगर आप खाने को जल्दी से खाकर समाप्त कर देते हैं तो इस आदत को बदलिए। खाने को आराम से चबाकर खाइए। ऐसा करने से पेट में गैस नही बनेगी।
- साफ्ट ड्रिंक पेट में गैस बनाने का काम करते हैं। कोला, बीयर जैसे पेय पदार्थ पेट में गैस बनाते हैं, इन पेय पदार्थों को पीने से बचें।
- धूम्रपान भी एसिडिटी का कारण बनता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके पेट में धुयें के साथ हवा भी जाती है जो कि पेट में गैस का कारण बनती है।
- जो लोग खाने के साथ सॉस और शरबत लेते हैं उनमें फ्रक्टोज कॉन सिरप की मात्रा बढ़ जाती है। जो कि पेट की समस्याओं का कारण बनती है, इसलिए खाने के दौरान केचअप और सॉस खाने से बचें।
- आपका शरीर आपको खुद बता देता है कि अब आपका पेट भर चुका है। आपको तभी रुक जाना चाहिए। कई बार हम स्वाद के चक्कर में अपने पेट की बात को अनसुना कर देते हैं, इसका खामियाजा हमें दर्द के रूप में भुगतना पड़ता है। अच्छा है कि भूख से कम ही खायें।
पेट दर्द के लिए इलाज
- जब भी पेट दर्द की बात हो तो और घरेलू नस्खों का जिक्र हो तो सेब के सिरके का नाम सबसे पहले आता है। सेब के सिरके में पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है। यह जल्दी पेट दर्द सही करता है।
- अदरक हमारे शरीर के लिए एक औषधी की तरह काम करता है। इसके सेवन से हम कई तरह की बीमारियों से बचते हैं। जब भी पेट में दर्द हो तो अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
- पेट दर्द में दही के सेवन को तो डॉक्टरों ने भी मान्यता दी है। डॉक्टरों का भी कहा है कि पेट दर्द के वक्त दही का सेवन करने से तुरंत आराम मिलता है। इतना ही नहीं जब पेट से संबंधित किसी बीमारी के लिए ऐलोपेथी इलाज हाथ खड़े कर देते हैं तो आयुर्वेदिक दवा के रूप में उस व्यक्ति को कुछ समय तक दही या छाछ का सेवन ही कराया जाता है।
- वैसे तो हमेशा ही पानी पीने से हमारा पेट और स्वास्थ्य ठीक रहता है। लेकिन पेट दर्द के वक्त हल्का गुनगुना पानी पीने से तुरंत आराम मिलता है। अगर सादा पानी पीने का मन नहीं है तो उसमें थोड़ा नींबू, पुदीने का रस, ग्लूकोस या किसी सब्जी या फल का रस मिलाकर पी लें। तुरंत आराम मिलेगा।
- पुदीना चटनी बनाने के साथ ही और भी कई मायनों में फायदेमंद है। अगर पुदीने को हब्र्स कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। पेट दर्द के वक्त पुदीने का सेवन करने से तुरंत आराम मिलता है। सर्दियों के वक्त अगर किसी को पेट से संबंधित कोई भी दिक्कत हो तो उसे सबसे पहले पुदीने का ही सेवन करना चाहिए।
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