यूटीआई उस वक्त होता है जब आपके ब्लैडर, किडनी और इनकी जोड़ने वाले ट्यूब्स में जर्म्स का इन्फेक्शन हो जाता है। ब्लैडर में इन्फेक्शन होना बहुत ही कॉमन है। इससे आपको दर्द, पेशाब के वक्त जलन, बार-बार टॉयलट आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द और पेशाब से बदबू जैसे समस्याएं हो सकती हैं। ब्लैडर इन्फेक्शन का अगर ठीक से इलाज न हो तो यह किडनी तक पहुंच जाता है। इसके अलावा ये इन्फेक्शन पब्लिक टॉयलट यूज करने और हाइजीन मेंटेन न रखने से भी होता है। कई बार ऐंटीबायॉटिक्स के लिए शरीर प्रतिरोधक हो जाता है ऐसे में ये दवाएं यूटीआई के ट्रीटमेंट में असर नहीं करतीं। यदि आप यूटीआई से पीड़ित हैं, तो आपको श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) काउंट और कॉलोनी फॉर्मेशन यूनीट (CFU) काउंट का जांच कराना चाहिए। आइए जानते हैं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) से निपटने के कुछ प्राकृतिक तरीके।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
यूटीआई हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इससे ब्लैडर के टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। ई कोलाई नामक बैक्टीरिया आपके ब्लैडर की दीवार पर चिपक जाता है। जिससे आपको बुखार, सूजन, बदन दर्द और ठंड लगने जैसी समस्याएं हो जाती है। यदि यूटीआई के लक्षण गंभीर हैं, तो आप डॉक्टर द्वारा बताए गये एंटीबायोटिक्स ले सकते हैं। अगर इससे बचना चाहते हैं तो आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी रोजाना पीना चाहिए।
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विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं
विटामिन सी का सेवन बढ़ाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) से बचा जा सकता है। फल और सब्जियां जैसे लाल मिर्च, संतरे, अंगूर, नींबू और कीवी फल सारे साइट्रस फल हैं और इन सब में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है इनके सेवन से पेशाब की अम्लता बढ़ती है और संक्रमण पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं।
इम्यूनिटी पावर बढ़ाएं
खराब प्रतिरक्षा प्रणाली के वजह से भी यूटीआई इन्फेक्शन होता है। इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए हमेशा स्वस्थ भोजन खाएं, नियमित व्यायाम करें, अच्छी नींद लें और तनाव से दूर रहें। खानपान में सावधानी बरतें। खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है जिसके वजह से मूत्र मार्ग में भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए बाहर का खाना खाने से बचें।
करौंदे का जूस पिएं
करौंदे के जूस में डी-मैनोस शुगर प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसकी आत्मीयता ग्लूकोज के बराबर ही होती है। डी-मैनोस ब्लैडर में संक्रमण के जोखिम को कम करने और ई कोलाई बैक्टीरिया को ब्लैडर से बाहर निकलने में मदद करता है। क्रैनबेरी के अलावा डी-मैनोस संतरे, सेब, आड़ू और हरी बीन्स में भी मौजूद होता है। इनके सेवन से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) से बचा जा सकता है।
सफाई पर ध्यान दें
यूटीआई की समस्या सफाई न रखने के कारण अधिक होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपना टॉयलेट हमेशा साफ और सुथरा रखें। घर से बाहर गंदे बाथरूम या यूरिनल्स का प्रयोग करने से बचें।
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पेशाब नहीं रोकें
कभी भी तेज पेशाब आए तो रोक कर ना रखें, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह ब्लैडर में संक्रमण को फैलता है। सेक्शुअल इंटरकोर्स के बाद टॉइलट जाकर ब्लैडर खाली करें। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जैसे ही संक्रमण का कोई भी लक्षण आपको महसूस हो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। देर करने से ये संक्रमण बढ़कर गुर्दों तक पहुंचकर उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकता है।
लेखक: धीरज सिंह राणा
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