डिलीवरी (प्रसव) के बाद बढ़े वजन को कम करने के लिए करें ये 5 योगासन, दूर होगी शरीर की कमजोरी

 डिलीवरी के बाद योगाभ्‍यास करना महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। योग से वजन कम करना आसान हो जाता है, साथ कई प्रकार की समस्‍याएं दूर हो जाती हैं।
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डिलीवरी (प्रसव) के बाद बढ़े वजन को कम करने के लिए करें ये 5 योगासन, दूर होगी शरीर की कमजोरी

 शिशु के जन्‍म के बाद महिलाओं के जीवन में काफी कुछ बदल जाता है। शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलाव आते हैं। प्रसव के बाद एक महिला जब अत्‍यधिक पीड़ा बाहर निकलकर आती है तो उसे भी शिशु की तरह अधिक देखभाल की जरूरत होती है। इसमें पूरे परिवार की बड़ी भूमिका होती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस, कमर के आसपास दर्द होना और गर्भावस्‍था के दौरान वजन का बढ़ना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सबसे निपटने के लिए पोषण युक्‍त आहार के साथ-साथ कुछ योगाभ्‍यास मदद कर सकते हैं। यह तनाव दूर करने में भी मदद करेगा।

भारतीय योग संस्‍थान के योग गुरू रामचंद्र भाष्‍कर कहते हैं कि, "योगाभ्‍यास शिशु के जन्‍म के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए। प्रसव के 6-7 सप्‍ताह या लगभग दो माह के बाद नियमित रूप से योग कर सकती हैं। अगर आपको कोई परेशानी हो तो एक बार अपने डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें। योगासन, एक्‍सपर्ट की देखरेख में ही करें"

योग गुरू ने ऐसे योगासन करने की सलाह दी है, जिसमें कमर और शरीर का झुकाव आगे की ओर या पीछे की ओर हो। आइए जानते हैं उन योग के बारे में: 

पश्चिमोत्‍तासन 

पश्चिमोत्‍तासन आपकी कमर को टोंन करने में मदद करेगा। यह शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी को गलाने में मदद करता है। इसे करने से शरीर में रक्‍तप्रवाह का सुधार होता है। पश्चिमोत्‍तासन वजन कम करने में मदद करता है।

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हलासन 

हलासन एक बेहतरीन योगाभ्‍यास है। ये न सिर्फ आपकी कमर, हिप्‍स और पेल्विस एरिया के लिए बेहतर है बल्कि यह आपकी त्‍वचा में भी निखार लाता है। यह शरीर को लचीला बनाता है और वजन कम करता है।

कोबरा पोज या भुजंगासन 

भुजंगासन एक बेहतरीन योगासन है जो वास्तव में पेट को मजबूत करता है। यह आपकी रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाए रखने में मदद करेगा। इसे आप रोजाना कर सकती हैं। 

वीरभद्रासन     

यह मुद्रा आपकी पीठ को खींचती है और आपकी जांघों, नितंब और पेट को टोन करती है। यह आपके midsection से वसा को जलाने में मदद करेगा। इसे करने के लिए आप फोटो की मदद ले सकती हैं। 

अनुलोम-विलोम

डिलीवरी के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम आपके मन-मस्तिष्‍क के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करता है। यह आपकी मनोदशा में सकारात्‍मक परिवर्तन लाता है। साथ ही यह श्‍वसन तंत्र को सुदृढ़ करता है।

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