भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'योग दिवस' के आवाह्न के बाद योग दुनियाभर में काफी पॉपुलर हुआ है। योग की खास बात ये है कि ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मन को भी शांत करता है। भारतीय लोगों में भी योग को लेकर पिछले कुछ सालों में काफी चेतना जागी है। अब काफी लोग खुद को फिट और सेहतमंद रखने के लिए योग का अभ्यास करने लगे हैं। योगासनों के अभ्यास से आज दुनियाभर में कई तरह की बीमारियां ठीक की जा रही हैं।
योगासनों के अभ्यास के लिए आपको एक बेहतर योगा मैट की भी जरूरत पड़ती है। जिस तेजी से योग पॉपुलर हुआ है, उसी तेजी से योगा-मैट भी पॉपुलर हुए हैं। आमतौर पर लोगों को लगता है कि योगा मैट कैसा भी हो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मगर यह बात सही नहीं है। योगा मैट खरीदते समय अगर आप कुछ बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो हो सकता है आपका मैट खरीदने का पैसा खराब हो जाए। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं अपने लिए परफेक्ट योगा मैट चुनने के लिए 5 जरूरी टिप्स।
योगा-मैट से पहले अपने लिए योगासन चुनें
योगा-मैट चुनने से पहले आपको अपने लिए सही योगासनों का चुनाव करना चाहिए। अगर आप किसी उद्देश्य से योग कर रहे हैं, तो उसके लिए आपको किन योगासनों को करना पड़ेगा, इस बात की जानकारी जरूर कर लें। अगर आप सामान्य रूप से स्वस्थ रहने के लिए भी योगासन करना चाहते हैं, तो अच्छे रिजल्ट के लिए आपको अपने लिए निश्चित योगासनों का चुनाव करना जरूरी है। कुछ लोग जोश-जोश में पहले योगा-मैट तो खरीद लेते हैं, मगर थोड़े दिन बाद जब उत्साह खत्म हो जाता है, तो मैट किसी कोने में पड़ी होती है।
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योगा-मैट के मैटीरियल का रखें ध्यान
योगासन आमतौर पर धीरे-धीरे और आराम से किए जाते हैं, मगर फिर भी की बार आड़े-तिरछे तरह से गिरने या मुड़ने पर आपको छोटी-मोटी चोट लग सकती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप योगा-मैट का मैटीरियल सही चुनें। ज्यादातर योगा-मैट्स पीवीसी से बनाए जाते हैं। मगर आजकल कॉटन और रबड़ के योगा-मैट भी बाजार में आ गए हैं। कॉटन या रबड़ वाले योगा-मैट जल्दी खराब हो जाते हैं, जबकि पीवीसी से बने योगा-मैट लंबे समय तक चलते हैं और ज्यादा आरामदायक भी होते हैं।
कितने बड़े मैट की जरूरत है आपको?
योगा-मैट कई साइज में आते हैं। योगा-मैट जितने ज्यादा बड़े होंगे, उनका वजन भी उतना ज्यादा होगा और दाम भी ज्यादा होगा। ऐसे में अगर आप घर के बाहर किसी पार्क में या फिटनेस सेंटर में योगासनों के अभ्यास के लिए जाते हैं, तो आपके लिए भारी योगा-मैट को रोजाना उठाकर ले जाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में आपको हल्के योगा-मैट चुनने चाहिए। इसके अलावा आपको जिन योगासनों का अभ्यास करना है, उसके लिए कितनी जगह की जरूरत होगी, इस अनुसार भी आपको योगा-मैट का चुनाव करना चाहिए।
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घास या जमीन पर न फिसले योगा-मैट
कई सस्ते प्लास्टिक योगा-मैट्स उल्टे तरफ से चिकने होते हैं, जिनपर अभ्यास के दौरान आपके पांव फिसल सकते हैं। इसके अलावा कई बार चिकनी जगह पर योगा-मैट बिछाकर योग करने से भी ये मैट जमीन से फिसल सकते हैं, जिससे आपको चोट लग सकती है। इससे बचने के लिए आपको ऐसे योगा मैट चुनने चाहिए, जिसमें फिसलन न हो। आमतौर पर पीवीसी से बने मैट्स पर शरीर चिपका रहता है और ये फिसलते भी नहीं हैं।
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योगा-मैट पर न फिसले शरीर
कई बार योगा-मैट की ऊपरी सतह ही इतनी चिकनी और हार्ड होती है कि पसीना आने या ग्रिप ठीक से न बनने के कारण आप योगा-मैट पर ही अभ्यास के दौरान फिसल सकते हैं। इससे बचने के लिए आपको ऐसा मैट चुनना चाहिए, जिसपर शरीर चिपक जाए और पांव की ग्रिपिंग अच्छी बने। इससे आप सुरक्षित रहेंगे।
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