इन 5 फूड को खाकर बढ़ाए फील-गुड हार्मोन 'डोपामाइन', तनाव होगा कम और मूड रहेगा मस्त

शरीर में डोपामाइन का लेवल सही रहे तो आपको कभी चिंता, अवसाद, तनाव और स्मृति से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं होगी। आज हम आपको बताएंगे डोपामाइन के बारे में। साथ ही ये भी कि बॉडी में इसका लेवल हम कैसे ठीक रख सकते हैं।
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इन 5 फूड को खाकर बढ़ाए फील-गुड हार्मोन 'डोपामाइन', तनाव होगा कम और मूड रहेगा मस्त

डोपामाइन एक हार्मोन है, जो कि खुशी, अनुभूति, स्मृति, प्रेरणा और सीखने की क्रिया में एक मुख्य भूमिका निभाता है। शरीर में कम डोपामाइन के स्तर से अचानक से मूड स्विंगस हो सकते हैं। इसे फील-गुड हार्मोन भी कहते हैं, जो हमारे मूड को अच्छा बनाए रखने, खुशी महसूस कराने वाले और भावनात्मक संतुष्टि के लिए काफी मददगार होता है। खुश रहने के लिए हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले के केमिकल्स और हार्मोन्स में इनकी एक अलग भूमिका होती है। इसकी कमी के कारण कुछ लोग उदासिन व्यवहार वाले होते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को पार्किंसन्स डिजिज और ड्रिप्रेशन भी इसके कारण हो सकता है। हालांकि, कई अमीनो एसिड, जड़ी-बूटियां और फल व सब्जियों हैं, जो मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा कुछ दवाइयां भी हैं, जो कुछ डोपामाइन रिसेप्टर्स की संख्या में वृद्धि करते हैं या मौजूदा रिसेप्टर्स को बेहतर काम करने में मदद करते हैं। 

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आइए पर हम आपको बताते हैं 5 आसानी से मिलने वाली खाने के चीजों के बारे में, जिसे खाकर आप शरीर में डोपामाइन की मात्रा बढ़ा सकते हैं।

ग्रीन-टी

ग्रीन-टी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें एमिनो एसिड होता है, जो सीधे आपके मस्तिष्क को प्रभावित करता है। ग्रीन-टी आपके मस्तिष्क में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर को भी बढ़ावा देता है। ग्रीन -टी का नियमित रूप से सेवन करने से मूड स्विंगस में कमी आ जाती है।

मछली

मछली खाने से शरीर में ऑमेगा-3 की कमी नहीं होती। साथ ही इससे शरीर में डोपामाइन हार्मोन को भी बढ़ावा मिलता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि मछली के तेल में अवसादरोधी प्रभाव होता है और नियमित रूप से लेने से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बन सकता है। मछली खाने से डोपामाइन का स्तर 40% तक बढ़ जाता है। 

हल्दी

हल्दी घर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होती है वहीं यह एक औषधि भी है। रोज़ाना हल्दी का सेवन करने से सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर में बढ़ोतरी होती है। इसीलिए सुस्ती, थकान या डिप्रेशन जैसी चीज़ों से निपटने के लिए अपने भोजन में हल्दी की मात्रा बढ़ा दें।

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कैफीन

कैफीन दिमाग के संज्ञानात्मक प्रदर्शन को बढ़ा सकता है, जिससे न्यूरोट्रांसमीटर का रिलीज बढ़ जाता है। मतलब कैफीन आपके मस्तिष्क में डोपामाइन रिसेप्टर के स्तर को बढ़ाकर उसके कार्य के तरीको बैहतर बना देता है। शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप चॉक्लेट, कॉफी इत्यादि का इस्तेमाल आप बढ़ा सकते हैं।

केला और विटमिन-डी

केला भी डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। रोजाना केला खाने से मूड बेहतर रहता है और लोग खुशहाल महसूस करते हैं। साथ ही केले में एंटी-ऑक्सिडेटिव तत्व भी होते हैं, जो तनाव को कम करते हैं। आपके शरीर में विटामिन डी की कई भूमिकाएँ हैं, जिनमें कुछ न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डोपामाइन भी शामिल है। इसलिए आप विटमिन-डी युक्ट आहार का भी सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर इन सभी सप्लीमेंट लेने से जुड़ा जोखिम अपेक्षाकृत कम है। इनमें से कुछ सप्लीमेंट्स से पाचन संबंधी परेशानी जैसे गैस, दस्त, मतली या पेट दर्द आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आप डोपामाइन की मात्रा शरीर में बढ़ने के लिए कोई बाहरी सप्लीमेंट न लें।

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