सेहत बनाने के लिए अकसर मांस, मछली और अंडा खाने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि मांसाहारी भोजन विटमिन, आयरन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। अगर आप शाकाहारी हैं तो यह सोचकर परेशान न हों कि आपको प्रोटीन की मात्रा कम मिलती है। सेहत के लिए शाकाहारी भोजन में भी कई ऐसे विकल्प मौज़ूद हैं, जो मांसाहार के बराबर ही आपको पोषक तत्व देते हैं।
शाकाहारी लोगों को प्रोटीन का पोषण नहीं मिलता?
वेजटेरियन लोग प्रोटीन के पोषण से वंचित रह जाते हैं, पर यह $गलत$फहमी है कि नॉनवेज प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है। वनस्पतियों से प्रोटीन और फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र और हड्डियों के लिए $फायदेमंद है। इसके अलावा हर तरह की दालों, सब्जि़यों और फलों में भी प्रोटीन पाया जाता है जबकि चिकेन, रेड मीट या अंडे में मौज़ूद प्रोटीन में फाइबर नहीं होता। इनमें फैट व कोलेस्ट्रॉल होता है, इसलिए नॉनवेज का सेवन दिल और किडनी के लिए सही नहीं।
शाकाहारी आहार संतुलित नहीं होता?
अगर वेजटेरियन ऐसा मानते हैं तो यह धारणा पूरी तरह $गलत है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कोशिकाओं को पोषण देने वाले आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्वों का संतुलित समन्वय होता है। नॉनवेज की तुलना में फलों, सब्जि़यों और दाल में माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसी वजह से नॉन वेजटेरियन लोगों को भी अपने खाने के साथ सब्जि़यों या सैलेड की कम से कम दो सर्विंग लेने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिल सकें।
वेजटेरियन डाइट से नहीं मिलती पर्याप्त एनर्जी?
अकसर ऐसा लोग समझते हैं कि शाकाहारी लोग मांसाहारी लोगों की तुलना में ज्य़ादा कमज़ोर व ऊर्जारहित होते हैं। यहां तक कि शारीरिक श्रम करने वाले लोगों को शाकाहारी भोजन से पर्याप्त कैलरी नहीं मिल पाती, जबकि ऐसा नहीं है। शाकाहारी लोगों को भी दाल, फल, सब्ज़ी और सैलेड से उचित कैलरीज़ मिल जाया करती हैं। इसलिए यह धारणा पूरी तरह से $गलत है।
बच्चों के लिए ज़रूरी नॉनवेज?
श्री बालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रिया बर्मा के मुताबिक, लोग मानते हैं कि शाकाहारी भोजन में बच्चों के संतुलित विकास के लिए पोषक तत्व नहीं मिलते। यह तथ्य आंशिक रूप से सच है कि नॉनवेज में पाया जाने वाला प्रोटीन और आयरन बच्चों के शारीरिक विकास में मददगार होता है, इसका मतलब यह नहीं कि बच्चे कमज़ोर होते हैं। अगर उन्हें पर्याप्त मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट्स, सब्जि़यां और दालें खिलाई जाएं तो इससे उनका संतुलित शारीरिक विकास होता है।
इसमें पाएं प्रोटीन
काबुली चना और पिटा ब्रेड
एक पिटा ब्रेड और दो चम्मच काबुली चने में 6 ग्राम प्रोटीन मिलता है। गेहूं और चावल में अमीनो एसिड लाइसिन की कमी होती है, जबकि छोले में प्रचुर मात्रा में लाइसिन होता है।
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किनूआ
एक कप किनूआ में 8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और आयरन पाया जाता है। यह चावल का एक अच्छा विकल्प है। चपातियां और कुकीज़ बनाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। ब्रेकफस्ट में इसका दलिया या खिचड़ी बनाई जा सकती है।
पीनट बटर सैंडविच
दो ब्राउन ब्रेड और 2 टेबलस्पून पीनट बटर में 15 ग्राम प्रोटीन होता है। ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर खाने से सभी ज़रूरी अमीनो एसिड शरीर को मिलते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में फैट भी होता है।
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सोया
आधा कप सोया में 15 ग्राम प्रोटीन होता है। सोया अपने आप में पूर्ण प्रोटीन है। अगर आपको थायरॉयड या कैंसर की समस्या है तो सोया के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
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