इन 5 जड़ी बूटियों से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाएं मजबूत, बीमारियां हो जाएंगी दूर

मौसम में बदलाव अपने साथ संक्रमण, सर्दी, इन्फ्लूएंजा, फ्लू और पेट की बीमारियों के साथ-साथ अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। वैज्ञानिक अध्ययनों  में पाया गया है कि प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में जड़ी बूटियां अहम भूमिका निभाती हैं। इन जड़ी बूटियों के उच्च पोषण मूल्य उन बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों से लड़ते हैं, जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इन बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
 इन 5 जड़ी बूटियों से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाएं मजबूत, बीमारियां हो जाएंगी दूर

मौसम में बदलाव अक्सर अपने साथ संक्रमण, सर्दी, इन्फ्लूएंजा, फ्लू और पेट की बीमारियों के साथ-साथ अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों  में पाया गया है कि प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में जड़ी बूटियां और सुपरफूड अहम भूमिका निभाते हैं। इन जड़ी बूटियों के उच्च पोषण मूल्य उन बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों से लड़ते हैं, जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इन बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। हम आपको पांच ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जिससे प्रतिरोधक प्रतिरक्षा प्रणाली के निर्माण में मदद मिल सकती हैं।

अश्वगंधा

अश्वगंधा संस्कृत का एक शब्द है जिसका अर्थ है,' घोड़े की गंध'। ऐसा माना जाता है कि इस हर्बल दवा का सेवन करने से व्यक्ति में घोड़े जैसी ताकत का संचार होता है। आयुर्वेद में, इस दवा को 'बल्या' नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है 'शक्ति देने वाला'। अश्वगंधा के अन्य नाम हैं भारतीय जिनसेंग, विंटर चेरी या विथानिया सोम्निफेरा (लैटिन नाम)। अश्वगंधा के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार, ऊर्जा में वृद्धि और स्टेमिना मजबूत होता हैं। इसका सेवन पाउडर या गोलियों के रूप में किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ेः शरीर को ये 5 लाभ देता है पुदीना, फायदे जानकर आज से ही करेंगे सेवन

अस्ट्रागालुस

अस्ट्रागालुस एक ऐसा पौधा है, जो फलियों और फलीदार पौधों के परिवार का हिस्सा है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली का निमार्ण करने के लिए सबसे सहायक जड़ी बूटियों में से एक है। इस पौधे को इम्यूनोस्टिमुलेंट के रूप में जाना जाता है, जो मानव शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाता है और एंटीबॉडी को संतुलित करता है। इससे वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति का निर्माण होता हैं। इसका उपयोग हृदय रोगों के उपचार के लिए भी किया जाता है।

एकिनेसिया

एकिनेसिया फूलों का एक समूह है, जिसमें पॉलीसेकेराइड होता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। ये सफेद रक्त कोशिकाओं के संक्रमण से लड़ता है और ऊपरी श्वसन मांग के संक्रमण के उपचार में बहुत प्रभावी हैं।

इसे भी पढ़ेः गर्मी में पिएं ये 5 हर्बल चाय, पेट को मिलेगी ठंडक और लू से रहेगा बचाव

एल्डरबेरी

एल्डरबेरी गहरे बैंगनी रंग की एक बेरी है,  जो आम सर्दी के उपचार के इस्तेमाल में लाई जाने वाली सबसे आम दवाओं में से एक है। इसमें एंटीहिस्टामाइन के साथ विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और इसमें सूजन-रोधी गुण भी होते हैं। एल्डरबेरी को सम्बूकस नाइग्रा, ब्लैक एल्डर, यूरोपियन एल्डर और यूरोपीय ब्लैक बिगबेरी जैसे कुछ सामान्य नामों से जाना जाता है।

लहसुन

लहसुन का वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवम है। कई अध्ययनों में सामने आया है कि लहसुन सर्दी या फ्लू जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार साबित होता है। लहसुन का प्रयोग हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।

Read More Articles On Healthy Diet In Hindi

Read Next

अपनी डाइट में आज से शामिल करें अंजीर, होंगे ये 5 स्वास्थ्य लाभ

Disclaimer