अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आपके सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो रही है या खत्म हो गई है, तो हो सकता है आप ब्रेन फॉग का शिकार हों। ब्रेन फॉग खुद में कोई बीमारी नहीं है बल्कि ये कई तरह की मानसिक बीमारियों का कारण बनता है। ब्रेन फॉग के कारण आपको कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- याददाश्त कमजोर होना, हमेशा कन्फ्यूज रहना, किसी काम में एकाग्र न हो पाना आदि। ब्रेन फॉग का खतरा दिमागी काम करने वाले स्टूडेंट्स, नौकरीपेशा लोगों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा होता है।
क्यों खतरनाक है ब्रेन फॉग
ब्रेन फॉग के कारण आपको किसी तरह की शारीरिक परेशानी नहीं होती है मगर फिर भी ये एक खतरनाक रोग है। संभवतः आपको ये बात पता होगी कि हमारे शरीर का एक सेंट्रल नर्वस सिस्टम होता है, जिसकी सहायता से हमारा शरीर चलता है। ब्रेन फॉग आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे आपका दिमाग आपके बाकी शरीर को जो संकेत देना चाहता है, उसमें उसे परेशानी आती है और आप प्रभावित होते हैं। आमतौर पर निर्णय न ले पाना, किसी चीज को याद न कर पाना, लोगों को न पहचान पाना आदि इसके लक्षण हैं।
इसे भी पढ़ें:- इंटरनेट के कारण टीन एज बच्चों में बढ़ रहे हैं सुसाइड के मामले, इन 5 बातों पर दें ध्यान
टॉप स्टोरीज़
ब्रेन फॉग का कारण
ब्रेन फॉग का कारण आपकी ही कुछ आदतें और गलतियां हैं, जिनपर आपका ध्यान नहीं जाता है मगर इनसे आपका दिमाग प्रभावित होता है। आपको बताते हैं कि आपकी कौन सी आदतें आपको बना सकती हैं ब्रेन फॉग का शिकार।
स्ट्रेस लेना
जब भी आप स्ट्रेस यानी तनाव लेते हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके कारण आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और कई बार आप डिप्रेशन या क्रॉनिक स्ट्रेस की स्टेज में पहुंच जाते हैं। इसके कारण आपको कई मानसिक परेशानियां हो सकती हैं, जिनमें से एक ब्रेन फॉग भी है।
नींद पूरी न लेना
अगर आप ठीक से यानी गहरी नींद नहीं सो पाते हैं या 7-8 घंटे से कम नींद लेते हैं, तो आपको ब्रेन फॉग हो सकता है। जरूरत से कम सोने से आपके मस्तिष्क में कई तरह के बदलाव होते हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारण आपकी एकाग्र होने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
इसे भी पढ़ें:- डायबिटीज ही नहीं चीनी के ज्यादा सेवन से दिमाग की इन 3 बीमारियों का भी खतरा
हार्मोनल बदलाव
हार्मोनल बदलावों के कारण भी आपको ब्रेन फॉग का खतरा होता है। प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ जाते हैं। इसके कारण गर्भवती महिलाओं को ब्रेन फॉग होने का खतरा होता है। इस दौरान चीजों को भूलने, किसी काम में ध्यान न लगा पाने और सोचते-सोचते खो जाने जैसी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ता है। इसी तरह मेनोपॉज के बाद भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
आपका आहार भी हो सकता है दुश्मन
दिमाग पर आपके आहार का सीधा प्रभाव पड़ता है। गलत खान-पान भी ब्रेन फॉग का कारण बन सकता है। विटामिन बी-12 की कमी से कई मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों से ब्रेन फॉग का खतरा काफी बढ़ जाता है जैसे- मोनोसोडियम ग्लूटामेट। कुछ लोगों में डेयरी प्रोडक्ट्स और मूंगफली के कारण भी ऐसी समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं कारण
कुछ बीमारियां भी आपके ब्रेन फॉग का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर ऐसी बीमारियां जिनसे सूजन या थकान होती है, मानसिक परेशानियों का कारण बनती हैं। जैसे- एनीमिया, डिप्रेशन, डायबिटीज, माइग्रेन, अल्जाइमर और हाइपोथायरॉइडिज्म आदि।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Mental Health in Hindi