
गर्मी एक ऐसा सीजन है, जो ज्यादातर लोगों को नापसंद है। इसका कारण यह है कि गर्म धूप के कारण घर से बाहर के सभी कामों के लिए आपको बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। लगातार महसूस होता गर्म शरीर, बहते पसीने और चिपचिपेपन के कारण बेचैनी होती है। लेकिन कुछ लोगों को सामान्य से ज्यादा गर्मी सताती है। अगर आपको भी लगता है कि आप अपने आसपास मौजूद लोगों की अपेक्षा ज्यादा गर्मी महसूस करते हैं या आपको ज्यादा पसीना आता है और आप ज्यादा बेचैन होते हैं, तो ये किसी स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि ज्यादा गर्मी लगना किन स्वास्थ्य समस्याओं का इशारा हो सकता है।
थायराइड की समस्या
जब किसी व्यक्ति का थायराइड ग्लैंड जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाने लगता है, तो इस बीमारी को हाइपोथायराइडिज्म कहते हैं। हाइपोथायराइडिज्म का एक मुख्य और बड़ा लक्षण है सामान्य से ज्यादा गर्मी लगना। यानी इस बीमारी के कारण व्यक्ति के लिए उतनी गर्मी भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है, जितने में दूसरे लोग ज्यादा रिएक्ट नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि थायराइड ग्लैंड आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
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तनाव ज्यादा लेने के कारण
जब आप ज्यादा तनाव लेते हैं, तो आपको घबराहट और बेचैनी महूसस होती है, जिसके कारण शरीर से अपने आप ही सामान्य से ज्यादा पसीना आने लगता है। दरअसल जब आप तनाव लेते हैं, तो आपके शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है। इसे कंट्रोल करने के लिए आपका शरीर अपना तापमान बढ़ा लेता है। इसके कारण तनाव में व्यक्ति को पसीना ज्यादा आता है। आपने देखा होगा कि झूठ बोलते समय माथे पर पसीना, हाथ और पैरों में पसीना आने की समस्या ज्यादा होती है।
एन्हीड्रोसिस
एन्हीड्रोसिस एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसके कारण व्यक्ति को पसीना आना बंद हो जाता है और हाइपरहाइड्रोसिस एक दूसरी समस्या है, जिसमें पसीना ज्यादा आता है। पसीना आना बंद होने से शरीर गर्मी को रिलीज नहीं कर पाता है और व्यक्ति को हर समय गर्मी ही गर्मी महसूस होती रहती है। आप जानते हैं कि शरीर पसीना निकालने की प्रक्रिया द्वारा टॉक्सिन्स को तो शरीर से बाहर करता ही है, साथ ही शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इसलिए अगर आपको बिना पसीना आए तेज गर्मी लगती है, तो आप एन्हीड्रोसिस का शिकार हो सकते हैं।
मेनोपॉज
मेनोपॉज का अर्थ है रजोनिवृत्ति यानी ऐसी अवस्था जब महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। आमतौर पर मेनोपॉज 45 की उम्र के बाद होता है। मेनोपॉज के कारण महिलाओं के शरीर, हार्मोन्स और साइकोलॉजी में बहुत सारे परिवर्तन आते हैं। इस स्थिति में जो लक्षण महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं उनमें चिड़चिड़ापन, नींद की कमी, हड्डियों की कमजोरी और बहुत ज्यादा गर्मी लगना आदि शामिल हैं।
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कई बार भोजन भी हो सकता है कारण
अगर आपको गर्मी हमेशा नहीं, कभी-कभार ही महसूस होती है, तो इसका कारण हो सकता है आपका गलत खानपान हो। खासकर बहुत ज्यादा तीखा और मसालेदार खाना खाने के बाद या फिर चाय कॉफी ज्यादा पीने के बाद आपको गर्मी ज्यादा लगती है। कैफीन के कारण आपका हार्ट रेट बढ़ता है और शरीर गर्म हो जाता है। इसी तरह मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व होता है, जो शरीर में गर्मी और पसीना बढ़ाता है।
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