जिस तरह एक बच्चे को अपनी मां की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार बच्चे को अपने पिता के लाड़-प्यार की भी जरूरत होती है। इसलिए हर पुरूष को पिता बनने के पहले से साल में बच्चे के ज्यादा से ज्यादा नजदीक रहना चाहिए, जिससे उन दोनों के बीच का रिश्ता और मजबूत हो। हालांकि बहुत पुरूषों को लगता है कि बच्चा संभालना महिला का काम है और वह बच्चे को संभालना बहुत कठिन और परेशानी वाला काम समझते हैं। लेकिन किसी भी नए रिश्ते और काम को समझने में समय लगता है, ठीक वैसे ही पहली बार पिता बनना और बच्चे की जिम्मेदारियों को उठाना भी है। जब आप एक पिता बनते हैं, तो आपका जीवन काफी हद तक बदल जाता है। पहले आप अपने और अपनी बीवी के बारे में सोचते थे लेकिन अब आप अपने से पहले बच्चे के बारे में सोचते हैं। आजकल जहां एक ओर लोग सिंगल फैमिली में रहते हैं, वही दूसरी तरफ अधिकतर पति-पत्नी दोनों वर्किंग भी हैं। जिसके कारण पिता के लिए बच्चे की देखभाल करना मां से कम नहीं है। ऐसे मे पहली बार पिता बन रहे पुरूषों को अपने न्यूबॉर्न बेबी की देखभाल और अच्छा पिता साबित होने के लिए इन जरूरी बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
पैटर्निटी लीव
बच्चे की परवरिश में उसका पहला साल सबसे अहम होता है, जब बच्चे को सबसे ज्यादा आपकी जरूरत हो है। क्योंकि नवजात बच्चे का इम्युन सिस्टम उस वक्त कमजोर होता है, जिसकी वजह से बच्चे को संक्रमण और बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, जन्म के पहले साल में बच्चा भावनात्मक रूप से माता-पिता से जुड़ाव महसूस करता है, उन्हें पहचानने की कोशिश करता है। जिस तरह महिला मैटर्निटी लीव लेती है, वैसे ही पुरूष को भी पिता बनने के समय कुछ दिनों का पैटर्निटी लीव लेनी चाहिए। आपके ऐसा करने से आप अपने बच्चे से भावनात्मक रूप से जुड़ पाते हैं और इस वक्त न केवल बच्चे को, बल्कि आपकी पत्नी को भी आपके साथ की जरूरत होती है।
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आदतों में बदलाव
जिस तरह नई नौकरी लगने पर या शादी हो जाने पर कई सारी चीजें बदलती हैं और आपको भी उनके हिसाब से खुद को बदलना और एडजस्ट करना पड़ता है। वैसे ही आपको पिता बनने के बाद अपनी कुछ आदतों को बदलना पड़ता है। जैसे अपने सोने का समय, सर्तकता, तेज आावज में बात न करना, गहरी नींद में न सोना, अपने काम खुद करना जैसी कई आदतों को आपको अपने बच्चे के लिए बदलना पड़ता है। आजतक आप खुद बच्चे बने रहते थे, यानि कि आपके सब काम आपकी मां या आपकी पत्नी करके देती थी लेकिन अब आपको अपने बच्चे का पिता बनके उसके लिए दूध पिलाने से लेकर नैप्पी बदलने जैसे काम करने चाहिए।
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सुनें, सीखें और आराम त्यागें
पिता बनना और जिम्मेदारियों को सही से निभाना किसी मैराथन रेस से कम नहीं है। आपको अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए मैराथन रेस की तरह पूरी एनर्जी के साथ सारी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। बच्चे की देखभाल का पहला साल बेहद मुश्किल होता है क्योंकि यह वह समय होता है, जब बच्चा कुछ बोलने-समझने में असमर्थ होता है। उसका न तो उठने का समय तय होता है और न ही सोने का समय। इसके अलावा उसकी भूख प्यास का एहसास भी आपको उसके छोटे-छोटे इशारों में रो कर करता है। इसलिए आपको खुद ही समझना पड़ता है कि कब वह भूख व परेशानी के कारण रो रहा है। कई बार हो सकता है आप काम से थके घर आएं और उसके बाद आपका बच्चा आपको पूरी रात न सोने दे। लेकिन ऐसे में धैर्य से काम लें और अपनी पत्नी के बारे में सोचें कि वह भी किस तरह इस स्थिति से निपटती होगी।
पत्नी व बच्चे को महत्व दें
मां बनने के बाद महिलाओं में कई बदलाव आते हैं, ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। जिसके लिए आप कोशिश करें कि अपने बच्चे और पत्नी के साथ अपना समय बिताएं। दोनों की सेहत से जुड़ी बातों और जरूरतों का ध्यान रखें। दोनों पति-पत्नी अपने बच्चे को मिलकर अच्छी परवरिश व प्यार दें और भविष्य की योजनाएं बनाएं।
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छोटी छोटी बातों का रखें ध्यान
पहली बार पिता बन रहें और बच्चे के जन्म के पहले साल में जरूरी है कि आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान जरूर रखें। जैसे कि बच्चे को समय-समय पर टीका करण करवाएं, बच्चे के खिलौने, उसकी जरूरत व देखभाल का सामान का ध्यान रखें। इसके अलावा, आप बच्चे के साथ फोटोज, वीडियों जैसी यादों को समेटें। इससे आप बच्चे और पत्नी के साथ खुशनुमा पल और यादें समेंट कर रख सकते हैं, जो कि आने वाले समय में आपके रिश्तों को और मजबूत करेगा।
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